SC Dismissed Electoral Bonds : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ‘चुनावी बाँड (इलेक्टोरल बाँडस्) योजना’ निरस्त !

राजनीतिक दलों को अमर्याद धन प्राप्त हो, इसलिए कानून में परिवर्तन करना अनुचित ! – सर्वोच्च न्यायालय

नई देहली – सर्वोच्च न्यायालय ने राजनीतिक दलों के लिए बनाई ‘चुनावी बाँड योजना’ निरस्त की । इस योजना को चुनौति देनेवाली याचिकओं पर सुनवाई करते समय सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया । न्यायालय ने निर्णय में कहा कि बेनामी चुनाव बाँडस् के कारण संविधान के अनुच्छेद १९ (१) (अ) अंतर्गत उपलब्ध सूचना अधिकार का हनन हो रहा है । इसलिए चुनावी बाँड योजना संविधान विरोधी है । राजनीतिक दलों को अमर्याद धन प्राप्त हो, इसलिए कानून में परिवर्तन करना अनुचित है ।

सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय देते समय ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को आदेश दिए हैं कि, चुनावी बाँड प्रसारित करना बंद करें, साथही इसकी विस्तृत जानकारी दें कि १२ अप्रैल २०१९ को निर्वाचन आयोग को दिए आदेशों के उपरांत आज तक कितने चुनावी बाँड दिए गए हैं ? विशेष बात यह कि अप्रैल २०१९ में सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावी बाँड योजना स्थगित करने के लिए नकार दिया था ।

क्या है चुनावी बाँड योजना ?

वर्ष २०१८ में केंद्र की भाजपा सरकार ने यह योजना आरंभ की थी । राजनीतिक दलों को दान देने का माध्यम, अर्थात चुनावी बाँड । इस योजना के माध्यम से दानकर्ता का नाम गुप्त रखते हुए किसी भी राजनीतिक दल को दान देने की सुविधा की गई थी । केवल स्टेट बैंक ऑफ इंडिय की अधिकृत शाखाओं में वर्ष के पूर्वनिर्धारित दिनों में ये चुनावी बाँड प्रसारित किए गए थे । उनका स्वरूप वचनपत्रों की भांति (प्रॉमिसरी नोट) था । इन बाँडस् का मूल्य १ सहस्र, १० सहस्र, १ लाख, १० लाख और १ करोड इस प्रकार था । ये बाँडस् संबंधित व्यक्ति अथवा उद्योगसमूह खरीदकर अपने-अपने प्रिय राजनीतिक दल को दे सकते थे । इन बाँडस् का भुगतान १५ दिनों में करने की सुविधा राजनीतिक दलों को थी ।

कांग्रेस और राहुल गांधी द्वारा भाजपा की आलोचना

सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावी बाँडस् योजना निरस्त करने के उपरांत राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के भ्रष्ट कार्यभार का और एक प्रमाण हमारे सामने आया है । भाजपा ने चुनावी बाँडस् को घूस लेने तथा दलाली स्वीकारने का माध्यम बनाया था । सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय से आज यह स्पष्ट हुआ है ।

कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने दलाली, घूसखोरी और काला धन छिपाने के लिए ही चुनावी बाँडस् की योजना लाई थी । चुनावी बाँडस् के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार की नई नींव रखी थी, जो आज देश के सामने उजागर हुई । प्रधानमंत्री मोदी की भ्रष्ट नीतियां देश के लिए घातक और संकटजनक हैं ।

संपादकीय भूमिका 

भ्रष्टाचार ही जिस दल का स्वरूप है, ऐसी कांग्रेस पार्टी ने दूसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप करना, एक विनोद ही कहना होगा !