नई देहली – पिछले दो दशकों में चीन की अर्थव्यवस्था रॉकेट की गति से बढी । इस अवधि में निवेशकों ने वहां बहुत पैसों का निवेश किया । भले ही ऐसा हो; परंतु अब स्थिति में परिवर्तन आया है । चीनी अर्थव्यवस्था अब संघर्ष कर रही है, जबकि भारत की अर्थव्यवस्था को अच्छे दिन आए हैं । अनेक वैश्विक प्रतिष्ठानों के अनुसार आज के समय व्यावसायिक जगत् की निवेश हेतु प्रथम प्रधानता भारत है ।
१. ‘गोल्डमैन सैक्स’ एवं ‘मॉर्गन स्टैंले’, इन वैश्विक बैंकों ने भारत का वर्णन ‘अगले दशक हेतु भारत निवेशकों के लिए गंतव्यस्थान !’, इन शब्दों में किया है ।
२. इंग्लैंड के प्रतिष्ठान ‘मार्शल वेस’ के मत के अनुसार अमेरिका के उपरांत भारत सबसे बडा ‘हेज फंड’ है । ‘हेज फंड’ का अर्थ है अति आधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित व्यावसायियों हेतु निवेश किया जानेवाला पैसा ! भारत की सशक्त वृद्धि एवं राजनीतिक स्थिरता के कारण निवेशक भारत की ओर मुड रहे हैं, इसका एक उदाहरण यह है कि ‘आइफोन’ के कुल वैश्विक उत्पादन में भारत का हिस्सा ७ प्रतिशत है ।
India the first choice for investment in the business world !
✍🏻 Goldman Sachs and Morgan Stanley : These global banks have described India as the ‘biggest destination for Investors for the next decade !’
✍🏻 Marshall Wace (England) : India has the largest hedge fund after the… pic.twitter.com/93V48GneT5
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 6, 2024
पाश्चात्त्य देश एवं चीन में बढ रही दूरी !
‘ब्लूंबर्ग’ के ब्योरे के अनुसार भारत आज के समय में विश्व में सबसे गति से बढ रही अर्थव्यवस्था है, तो दूसरी ओर चीन की अर्थव्यवस्था को अनेक समस्याओं का सामना करना पड रहा है । उसके साथ ही पाश्चात्त्य देशों एवं चीन के मध्य दूरी बढ रही है ।
सिंगापुर स्थित ‘एम् एंड इंन्वेस्टमेंट’ के वरिष्ठ अधिकारी विकास प्रसाद ने किहा कि अनेक कारणों से लोगों को भारत में रुचि है । इसका कारण यह है कि भारत चीन जैसा नहीं है । अगले कुछ वर्षाें में भारत का तीव्रगति से विकास होने की अपेक्षा है । पिछले दो दशकों में भारत का सकल देशांतर्गत उत्पादन (जीडीपी) ५०० अरब डॉलर्स से ३.५ सहस्र डॉलर्सतक बढ गया है ।
पूंजी प्रवाह में निवेशकों का भारत की ओर झुकाव स्पष्टता से दिखाई देता है । ‘मॉर्गन स्टैंले’ के अनुसार वर्ष २०३० तक भारत विश्व का तीसरा सबसे बडा ‘स्टॉक मार्केट’ बनेगा ।
निवेश अध्येताओं का मत !
भारत में निवेश का समर्थन करनेवालों का यह कहना है कि यहां वृद्धि की प्रचुर क्षमता है । देश की प्रति व्यक्ति आय भले ही अभी भी अति अल्प हो; परंतु तब भी भारत ने आनेवाले अनेक वर्षाें के विस्तार की नींव रखी है । रुपए के वैश्विकीकरण के प्रयास चल रहे हैं । देश में करोडों लोगों के ‘जन धन खाते’ खोले गए हैं । इसके कारण संपूर्ण विश्व के निवेशकों में भारत के प्रति उत्सुकता बढी है । देश के मूलभूत विकास हेतु सरकार बहुत पैसा खर्च कर रही है । आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को पुनः विजय प्राप्त होने की अपेक्षा है । उससे आनेवाले समय में देश में सुधारों का और अधिक गति मिलेगी ।