चेन्नई (तमिलनाडु) – राजनीतिक दल चुनावी घोषणापत्रों में ‘लोकप्रिय’ वादों की घोषणा करते हैं; लेकिन ये आश्वासन कैसे पूरे होंगे?, इसके लिए कितनी नीधि लगेगी ? यह कोई नहीं बताता है । पर मतदाताओं को इसके बारे में जानने का पूरा अधिकार है । इस संबंध में एक प्रकरण न्यायप्रविष्ट है । मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने यहां बताया कि चुनाव आयोग घोषणापत्रों में किए गए आश्वासनों के प्रारूप तैयार कर रहा है ।
Political parties are now liable to explain how the promises stipulated in the manifesto will be fulfilled. – Chief Election Commission Rajiv Kumar
The commission also aims to keep an eye on the possible influx of black money during the election.#CEC #Elections2024 pic.twitter.com/NDbQ7Hxyyt
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 25, 2024
चुनाव के समय कालेधन के लेन-देन पर रहेगी दृष्टि !
कुमार ने आगे कहा कि चुनाव के समय काले धन के उपयोग को रोकने के लिए पुलिस के साथ-साथ चुनाव प्रणाली द्वारा नकद लेनदेन पर कड़ी निगरानी रखी जाती है । संदिग्ध लेन-देन की भी जांच की जाती है । आगामी चुनावों के समय डिजिटल चैनलों के माध्यम से धन के लेनदेन की संभावना से मना नहीं किया जा सकता है । इसे ध्यान में रखते हुए नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को संदिग्ध डिजिटल लेनदेन पर भी दृष्टि रखने का आदेश दिया गया है ।