प्रमाणपत्र के नाम पर कंपनियों द्वारा केवल पैसे ऐंठना एवं अन्य प्रकारों के उत्पादों पर कोई नियंत्रण न होने का आरोप !
(मौलाना अर्थात इस्लाम का अध्ययनकर्ता)
लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – कुछ मौलानाओं द्वारा उत्तर प्रदेश में हलाल प्रमाणपत्र देने के नाम पर टोली तैयार कर पैसे ऐंठने का काम करने की जानकारी वहां की पुलिस को मिली थी । उसके आधार पर पुलिस के विशेष कृति दल ने (‘एस.टी.एफ.’ ने) १२ फरवरी को ‘हलाल काऊंसिल ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष मौलाना हबीब युसूफ पटेल, उपाध्यक्ष मौलाना मुईदशीर सपदिहा, महासचिव मुफ्ती ताहिर जाकीर एवं कोषाध्यक्ष मुहम्मद अनवर खान को मुंबई से बंदी बनाया । उन पर हलाल प्रमाणपत्र के नाम पर भिन्न भिन्न कंपनियों द्वारा पैसे ऐंठने का आरोप है ।
M@ul@n$ of ‘Halal Council of India’ who issued #Halal certificate, arrested
The accused are charged with extorting money from establishments in the name of certification and also of having no control over the production of varied food products
👉 Halal Council of India is one… pic.twitter.com/FXYii69zwb
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 13, 2024
१. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर २०२३ में घोषणा करते हुए कहा था, ‘विदेश में निर्यात करने के लिए तैयार किए माल के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश में हलाल प्रमाणपत्र युक्त कोई भी माल तैयार नहीं कर सकते, तथा विक्रय भी नहीं कर सकते ।’ इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में हलाल प्रमाणपत्र के साथ वस्तु बेचनेवाले लोगों को कैद किया जाएगा, ऐसा निर्णय सरकार ने लिया था ।
२. पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह के नेतृत्व में ‘एस.टी.एफ.’ के दल ने आरोपियों से ४ आधारकार्ड, ४ पैनकार्ड, ३ चल-दूरभाष (मोबाइल), ४ ए.टी.एम. कार्ड, २१ सहस्र ८२० रुपए की राशि, ३ वाहन परवाना (लाइसेंस) एवं कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण कागदपत्र नियंत्रण में लिए थे ।
३. इन आरोपियों को ‘हलाल’ प्रमाणपत्र देने का अधिकार नहीं है, तब भी वे कंपनियों द्वारा १० सहस्र रुपए लेकर यह प्रमाणपत्र देते थे । इस प्रकरण में पुलिस आगे की जांच कर रही है ।
क्या है ‘हलाल’ प्रमाणपत्र ?इस्लाम अनुसार ‘हलाल’ अर्थात जो वैध है, वह । पूर्व में ‘हलाल’ केवल मांस के लिए मर्यादित था; परंतु अब धर्मांधों को अपनी स्वतंत्र अर्थव्यवस्था निर्माण करनी है । इसलिए विभिन्न वस्तुओं जैसे घरेलू सामान, औषधि, सौंदर्य प्रसाधन आदि बातों के लिए ‘हलाल’ प्रमाणपत्र देना पडता है, संक्षेप में, ‘वे इस्लाम के अनुसार प्रमाणित हैं’, इस संदर्भ में प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है । उसके लिए कुछ इस्लामी संगठन कार्यरत हैं । उनके द्वारा सम्मत किए गए प्रमाणपत्र को ‘हलाल’ प्रमाणपत्र कहा जाता है । देश में समांतर इस्लामी अर्थव्यवस्था निर्माण कर प्रचलित अर्थव्यवस्था दुर्बल करने के लिए धर्मांधों द्वारा ‘हलाल’ प्रमाणपत्र के माध्यम से रचा हुआ यह षड्यंत्र है । |
संपादकीय भूमिकाहलाल प्रमाणपत्र देनेवाले प्रमुख संगठनों में ‘हलाल काऊंसिल ऑफ इंडिया’ एक संस्था है । अब उत्तर प्रदेश पुलिस को, राज्य में ‘हलाल इंडियन’, ‘हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेस इंडिया’, ‘जमियत उलेमा-ए-हिन्द हलाल ट्रस्ट’ ये एवं अन्य बडी संस्थाएं भी यदि कार्यरत हों, तो उन पर कार्यवाही करनी चाहिए, हिन्दुओं की ऐसी ही अपेक्षा है ! |