मुसलमान सहपाठी (क्लासमेट) से विवाह करने से हिन्दू डॅाक्टर की जान को संकट !

जब हिन्दू युवती मुसलमान से विवाह करती है, तब उसे ‘प्रेमविवाह’ संबोधित कर उसका विरोध करनेवाले  हिन्दुओं को घुट्टी पिलानेवाले निधर्मीवादियों को इस विषय में क्या कहना है ?

मथुरा में श्रीकृष्णजन्मभूमि क्षेत्र की मीना मस्जिद हटाने के लिए न्यायालय में याचिका

अब केंद्र सरकार ने ही हिन्दुओं के धर्मस्थलों पर निर्माण की गई मस्जिदों का सर्वेक्षण कर सत्य सामने लाना चाहिए और हिन्दुओं को उनका अधिकार देना चाहिए, ऐसी ही सामान्य हिन्दुओं की अपेक्षा है !

ज्ञानवापी संदर्भ में हिन्दुओं का पक्ष पक्ष सुने बिना कोई भी निर्णय न लें !

कुछ दिन पूर्व ही वाराणसी जिला न्यायालय ने निर्णय दिया है कि ज्ञानवापी तथा शृंगार गौरी प्रतिवाद का परिवाद आगे चलाया जाएगा । तत्पश्चात उसे मुसलमान दल उच्च न्यायालय में आव्हान देगा ।

न्यायव्यवस्था को सुदृढ करना आवश्यक !

न्यायालय के कार्य की फलोत्पत्ति बढने के लिए ‘अभियोगों (मुकदमों) पर निर्णय देने की सीमा निर्धारित करना आवश्यक है !

‘हाई प्रोफाइल’ (उच्चवर्गियों के) प्रकरण एवं उनके अन्वेषण की दिशा !

उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट गाडी में पाए गए जिलेटिन एवं उस संबंध से मनसुख हिरेन की मृत्यु का प्रकरण चर्चा में आना एवं वह ‘हाई प्रोफाइल’ (उच्चवर्गीय) के रूप में उसकी गणना होना

‘अयोध्या के समय शांत थे; लेकिन ज्ञानवापी के विषय में गलत निर्णय आया, तो रक्तपात होगा !’

इस प्रकार की खुली धमकी देनेवाले पर अपराध प्रविष्ट कर उसे कारागृह में डालना चाहिए ! हिन्दू न्यायालय का निर्णय हमेशा ही स्वीकारते हैं; लेकिन धर्मांध मुसलमान इस प्रकार की धमकी देते हैं, यह ध्यान में लें !

हिन्दुत्व की शिक्षा को शिक्षाव्यवस्था में सम्मिलित किया जाए ! – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

अमरीका और ब्रिटन में हिन्दू धर्म पढाया जा रहा है । इसलिए इसे भारत में भी पढाया जाना चाहिए ।

ज्ञानवापी का दावा आगे भी जारी रहेगा !

ज्ञानवापी एवं शृंगार गौरी पूजा करने के संदर्भ की याचिका पर मुसलमान दल द्वारा आपत्ति ऊठाने के पश्चात यह दावा आगे प्रविष्ट करें अथवा न करें, इस पर न्यायालय ने निर्णय दिया ।

आज ज्ञानवापी प्रकरण पर जिला न्यायालय निर्णय देगा !

ज्ञानवापी प्रकरण में जिला न्यायालय आज, १२ सितंबर के दिन निर्णय देनेवाला है । इस पृष्ठभूमि पर वाराणसी शहर में प्रचंड पुलिसबल तैनात किया गया है । वाराणसी शहर में धारा १४४ लागू की गई है । साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस की ओर से ध्वजसंचालन और गस्त लगाई जा रही है ।

आतंकवादियों की अंतिम यात्रा में सहभागी होना राष्ट्र विरोधी नहीं ! – जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय

‘आतंकवादियों का महिमामंडन होना, यह कभी भी अस्वीकार होकर इस माध्यम से जिहादी आतंकवाद और उसका समर्थन करने वालों को एक प्रकार से प्रोत्साहन तो नहीं मिल रहा ?’, यह देखना आवश्यक है ।