न्यायालय में राष्ट्रीय भाषाओं में निर्णय हों, ऐसी भी मांग
रायपुर (छत्तीसगढ) – अमरीका और ब्रिटन में हिन्दू धर्म पढाया जा रहा है । इसलिए इसे भारत में भी पढाया जाना चाहिए । यहां आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ३ दिवसीय समन्वय बैठक में मांग की गई कि ‘हिन्दुत्व के विषय में योग्य जानकारी क्या है ?’ इसका समावेश शिक्षाप्रणाली में किया जाना चाहिए ।
इस बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की उपस्थिति में शिक्षा, रोजगार, आर्थिक तथा सामाजिक सूत्रों पर विस्तार से चर्चा की गई । संघ के सभी ३६ संगठनों से चर्चा के पश्चात इस सूत्र पर सहमति बनी कि देश में सकारात्मक बदलाव पर कार्य होना चाहिए । साथ ही स्थानीय स्तर पर ग्राम आधारित अर्थव्यवस्था पुन: शुरू करने पर भी चर्चा हुई ।
संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि न्यायालयों में भारतीय भाषाओं में कार्य हो और निर्णय भी भारतीय भाषाओं में हों । लोगों को समझ में नहीं आता कि अधिवक्ता तथा न्यायाधीश अंग्रेजी में क्या कहते हैं । उन्होंने यह भी कहा कि ‘राष्ट्र का अर्थ समाज है और यहां का समाज हिन्दू है ।’