जलने पर आयुर्वेद में प्राथमिक उपचार
‘किसी भी कारणवश जलने पर जले हुए भाग पर तुरंत ही घी लगाएं । दाह उसी क्षण थम जाता है । वैद्य लोग पैर में होनेवाले गोखरू (फुट कॉर्न) जलाकर निकालने के लिए ‘अग्निकर्म’ करते हैं ।
‘किसी भी कारणवश जलने पर जले हुए भाग पर तुरंत ही घी लगाएं । दाह उसी क्षण थम जाता है । वैद्य लोग पैर में होनेवाले गोखरू (फुट कॉर्न) जलाकर निकालने के लिए ‘अग्निकर्म’ करते हैं ।
‘जनन अर्थात जन्म होना । नवजात (हाल ही में जन्मे) शिशु के संदर्भ में दोष-निवारण के लिए की जानेवाली विधि को ‘जननशांति’ कहते हैं । नवजात शिशु का अशुभ काल में जन्म होने से या विशिष्ट परिस्थिति में जन्म होने से दोष लगता है ।
फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी पर एकभुक्त रहें । चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल व्रत का संकल्प करें । सायंकाल नदी पर अथवा तालाब पर जाकर शास्त्रोक्त स्नान करें ।
बिल्वपत्र, तारक शिवतत्त्व का वाहक है, तथा बिल्वपत्र का डंठल मारक शिवतत्त्व का वाहक है ।
अमरनाथ स्थित गुहा में बर्फ का शिवलिंग निर्मित होता है । इस गुहा में भगवान शिव ने देवी पार्वती को इस गुहा में अमरत्व का ज्ञान दिया था । इसलिए इस गुहा का महत्त्व है ।
शिवजी विवाहित दंपतियों के देवता, ‘शक्त्यासहितः शंभुः’ हैं । यदि शक्ति न हो, तो शिव का शव होता है । अन्य देवता चूंकि अकेले होते हैं, इसलिए उनकी मूर्तियों में अल्प ऊर्जा उत्पन्न होती है जिससे उनके देवालयों में ठंडक प्रतीत होती है ।
विकार-निर्मूलन हेतु जप प्रतिदिन विकार की तीव्रता अनुसार १ से ६ घंटे तक कर सकते हैं ।
हम अपने चारपहिया वाहन से जब राष्ट्रीय महामार्ग तथा राज्य महामार्ग से यात्रा करते हैं, तब हमें वहां के टोल बूथ कर टोल देना पडता है । आज के समय में इस टोल के भुगतान के लिए विभिन्न प्रतिष्ठानों ने ऑनलाइन ‘फास्टैग’ की सुविधा आरंभ की है ।
एक औषधीय प्रतिष्ठान ने नवरात्रोत्सव काल में हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाला विज्ञापन प्रसारित किया था । उसे देखकर एक धर्मप्रेमी ने पुलिस में परिवाद प्रविष्ट किया । इस संदर्भ में हुई न्यायालयीन प्रक्रिया के विश्लेषण से संबंधित लेख यहां दे रहे हैं ।
गन्ने का रस, आंवले का रस अथवा भूरा कद्दू (पेठा) के रस के साथ अमलतास की फलियों का गूदा लें ।