अयोध्या की श्रीराम जन्मभूमि पर ही श्रीराम का मंदिर बने; इसके लिए भक्तों द्वारा किया गया त्याग !
श्री रामलला तंबू में होने से २३ वर्ष अविवाहित रहनेवाले तथा चप्पल न पहननेवाले बिहार के देबू दास !
श्री रामलला तंबू में होने से २३ वर्ष अविवाहित रहनेवाले तथा चप्पल न पहननेवाले बिहार के देबू दास !
श्रीराम की कृपा के कारण समस्त हिन्दुओं में श्री दुर्गादेवी एवं हनुमान का तत्त्व जागृत होकर उनके द्वारा राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति का कार्य होगा
जिन भक्तों ने यह दृश्य देखा वे स्वयं को भाग्यवान समझ रहे हैं । ‘हमारे लिए यह भाग्य का क्षण था कि, हमने राम की मूर्ति और हनुमान के दर्शन किए’, ऐसा वह कह रहे थे ।
यदि हां, तो अधिवक्ता धवन को उदरशूल क्यों होता है ? क्या वे चाहते हैं कि भारत इस्लामिस्तान बन जाये ?
श्रीरामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा किए जाने के उपरांत २३ जनवरी से मंदिर सर्वसामान्य नागरिकों के लिए खोला गया है । यहां प्रतिदिन १ लाख भक्त दर्शन के लिए आने का अंदाजा है ।
इस समय भी त्रेतायुग की झलक देखने को मिल रही है, ऐसा वक्तव्य श्रीरामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने किया । वे पत्रकारों से बात कर रहे थे ।
जिस क्षण की रामभक्त पिछले ५०० वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे, वह क्षण २२ जनवरी को दोपहर १२ बजकर २९ मिनिट पर देश के ही नहीं, अपितु पूरे विश्व के करोडों लोगों ने अनुभव किया !
इस समय उन्होंने यह आवाहन किया कि, हमें एक सशक्त, सक्षम, दिव्य ,पवित्र एवं भव्य भारत बनाना है।
प्रभु श्रीराम के स्वागत हेतु अयोध्यानगरी सज्ज !
ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर का भी होगा उद्घाटन !
अयोध्या से ‘सनातन प्रभात’ का विशेष वृत्तांकन !