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अयोध्या से ‘सनातन प्रभात’ का विशेष वार्तांकन
श्री. नीलेश कुलकर्णी, विशेष प्रतिनिधि, सनातन प्रभात
अयोध्या, २१ जनवरी (संवाददाता) – पीछले ५०० वर्षाें से हिन्दू जिस क्षण की प्रतीक्षा कर रहे थे, वह क्षण अब कुछ ही घण्टों पर आ पहुंचा है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों द्वारा २२ जनवरी को श्री रामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा की जानेवाली है । इस समय उत्तर प्रदेश के मुख्ममंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प.पू सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत आदि की प्रमुख उपस्थिति होगी । इस समारोह में उपस्थित रहने के लिए पूरे देश से आमंत्रित अनेक साधू, संत, विविध अखाडों के श्रीमहंत, महंत, महामण्डलेश्वर पीठाधीश्वीर तथा मान्यवरों का अयोध्या नगरी में आगमन हुआ है । इस समय भव्य श्रीराम मंदिर का भी उद्घाटन होनेवाला है । प्रभु श्रीराम की नई मूर्ति इसी मंदिर में विराजित होगी । श्रीराम भक्तों ने भावना व्यक्त की है कि इस मंदिर निर्माण से असंख्य कारसेवकों का बलीदान सार्थ होगा । संक्षेप में इस समारोह से अयोध्या नगरी में २२ जनवरी को सुवर्णाक्षरों से इतिहास लिखा जानेवाला है ।
ऐसी सजाई है, अयोध्या नगरी !१. अयोध्या नगरी के प्रवेशद्वार पर ही श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए सूर्यदेवता की मूर्ति से युक्त भव्य कमान लगाई गई है । सप्तअश्वों पर विराजित सूर्यदेव की यह भव्य मूर्ति सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है । बताया गया कि प्रभु श्रीराम रघुवंशीय हैं, इसलिए उसके प्रतीक के रुप में यह मूर्ति यहां स्थापित की गई है । २. कमान से भीतर प्रवेश करने पर मार्ग के दोनों ओर विद्यमान दीवार पर रामायण के विविध प्रसंगों से संबंधित शिल्प साकार किए गए हैं । ३. मार्ग के बीचोबीच के विभाजकों पर अनेक दीपस्तंभ खडे किए गए हैं । ये स्तंभ अत्यंत वैशिष्ट्यपूर्ण पद्धति से सजाए गए हैं । प्रत्येक स्तंभ पर पीले रंग की सूर्य की प्रतिकृति स्थापित की गई है । इसके अतिरिक्त इन स्तंभों पर श्री हनुमान की गदा खोदी गई है और गदा की उपर की ओर ‘जय श्रीराम’ ये अक्षर भी खोदे गए हैं । इन स्तंभों के साथ मार्ग के दोनों छोर तथा प्रत्येक चौराहा गेंदे के आकर्षक फूलों से सजाया गया है । ४. अयोध्या का प्रत्येक चौराहा, प्रत्येक दुकान, प्रत्येक स्थान तथा घर-घर पर भगवे झण्डे लगाए गए हैं, जिन पर भगवान श्रीराम और श्रीराम मंदिर का छायाचित्र है । ५. सरकार द्वारा मंदिर से दूर तक जगह-जगह पर ध्वनि-विस्तारक यंत्र लगाए गए हैं और उनपर प्रभु श्रीराम के गीत लगाए जा रहे हैं । ६. इन सभी से पूरी अयोध्या नगरी राममय हुई है और सभी को अब प्रभु श्रीराम के आगमन की आस लगी है । ७. सभी के मुख में केवल ‘जय श्रीराम’ की घोषणा है । |
श्रीराम जन्मभूमि की ओर जानेवाले मार्ग फूलों से सजाए !
श्रीराम जन्मभूमि की ओर जानेवाला मुख्य मार्ग कुछ किलोमीटर तक फूलों की मालाओं से सजाया गया है । मार्ग पर विद्यमान वृक्षों पर भी पुष्पमालाएं लगाई हैं । इस मार्ग पर प्रभु श्रीराम, माता सीता, श्री हनुमान, लक्ष्मण, ऋषी वाल्मिकी आद की आकर्षक भव्य मूर्तियां स्थापित की गई हैं । ये मूर्तियां सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं ।
श्रीराम जन्मभूमि की ओर जानेवाले मार्गाें पर आकर्षक नक्काशी से युक्त कमानें लगाई गई हैं, जिन पर डेकरटिव लाइटिंग की गई है । साथही बीच-बीच के स्तंभों पर प्रभु श्रीराम का खडा चित्र (कटआऊट) लगाया गया है ।
साधारण श्रद्धालुओं के लिए २ दिन दर्शन बंद !
प्राणप्रतिष्ठा समारोह की पृष्ठभूमि पर साधारण श्रद्धालुओं के लिए २१ और २२ जनवरी को दर्शन बंद रखा गया है । २३ जनवरी से श्रद्धालु सदाकी भांति दर्शन कर पाएंगे ।
भव्य पुलिस प्रबंध !
पूरी अयोध्या में ही प्रचंड पुलिस प्रबंध रखा गया है । अयोध्या के प्रवेशद्वार से ही बडी मात्रा में पुलिसकर्मी खडे हैं । प्रत्येक चौराहे पर बॅरेकेड्स लगाकर वाहनों की जांच की जा रही है । जिनके पास अनुमति है, ऐसे ही वाहनों तथा व्यक्तियों को आगे भेजा जा रहा है । सर्वत्र सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं । राज्य तथा केंद्रीय पुलिस बलों के सशस्त्र पथक भी बडी मात्रा में नियुक्त किए गए हैं ।
अयोध्या में श्री रामलला का अवतरण, मानो रामराज्य रूपी हिन्दू राष्ट्र की आहट !त्रेतायुग में रावण का वध कर प्रभु श्रीराम अयोध्या लौटे । इसी प्रकार कलियुग में हिन्दुओं द्वारा ५०० वर्ष किए प्रदीर्घ संघर्ष के उपरांत आज रामलला श्रीराम जन्मभूमि पर निर्मित भव्य मंदिर में विराजित हो रहे हैं । त्रेतायुग में अयोध्यावासियों ने प्रत्यक्ष सगुण रूपी श्रीराम के दर्शन किए, तो कलियुग के, अर्थात आज के हम सभी श्रीराम भक्त निर्गुण रूपी श्रीरामतत्त्व का अनुभव कर रहे हैं । त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम के लौटने पर रामराज्य अवतरित हुआ । उसी प्रकार अयोध्या में श्रीरामललाका अवतरण मानो रामराज्यरूपी हिन्दू राष्ट्र की आहट ही है । यहां पर पधारे साधु-संत भी यही बता रहे हैं । इसीकी अनुभूति अयोध्या का प्रत्येक हिन्दू कर रहा है । |