SANATAN PRABHAT EXCLUSIVE : पुलिस द्वारा भक्तों के साथ सद्‌व्यवहार – अयोध्या समारोह की सकारात्मक घटना !

रामोत्सव अर्थात श्रीरामलला की (श्रीरामजी के बाल रूप) प्राणप्रतिष्ठा समारोह ! इस समारोह में आरंभ से ही उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों का भक्तों से अत्यंत अच्छा व्यवहार था । यह देखकर स्वयं की आंखों पर मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था  !

श्री रामलला विराजमान !

रामभक्त जिस क्षण की विगत ५०० वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे, उस क्षण का २२ जनवरी को दोपहर १२ बजकर २९ मिनट पर केवल देश के ही नहीं, अपितु समस्त विश्व के करोडों लोगों ने अनुभव किया !

श्रीराम मंदिर के निर्माण-कार्य में सनातन संस्था का आध्यात्मिक सहभाग !

१५.१.२०२४ से सनातन संस्था के साधक ‘अयोध्या में श्रीराममंदिर के प्राणप्रतिष्ठा का कार्यक्रम निर्विघ्नता से संपन्न हो’, इसलिए प्रार्थना एवं अनुष्ठान कर रहे हैं ।’

राममंदिर का उद्घाटन तथा प्रभु श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा हिन्दुओं का आत्मसम्मान !

‘रामायण’ एक ऐतिहासिक ग्रंथ है । हिन्दुस्थान सांस्कृतिक, धार्मिक, वैज्ञानिक एवं आर्थिक, ऐसे सभी क्षेत्रों में सर्वाेच्च स्थान पर विराजमान एकमात्र देश था ।

अयोध्या की श्रीराम जन्मभूमि पर ही श्रीराम का मंदिर बने; इसके लिए भक्तों द्वारा किया गया त्याग !

श्री रामलला तंबू में होने से २३ वर्ष अविवाहित रहनेवाले तथा चप्पल न पहननेवाले बिहार के देबू दास !

प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना से सूक्ष्म स्तर पर होनेवाले परिणाम !

श्रीराम की कृपा के कारण समस्त हिन्दुओं में श्री दुर्गादेवी एवं हनुमान का तत्त्व जागृत होकर उनके द्वारा राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति का कार्य होगा

Ram Mandir Hanuman Darshan : अयोध्या के श्रीराममंदिर में श्रीरामलला के दर्शन के लिए आया वानर !

जिन भक्तों ने यह दृश्य देखा वे स्वयं को भाग्यवान समझ रहे हैं । ‘हमारे लिए यह भाग्य का क्षण था कि, हमने राम की मूर्ति और हनुमान के दर्शन किए’, ऐसा वह कह रहे थे ।

Rajeev Dhavan : हम धीरे-धीरे हिन्दू राष्ट्र की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं ! – मुस्लिम पक्षकारों के अधिवक्ता राजीव धवन

यदि हां, तो अधिवक्ता धवन को उदरशूल क्यों होता है ? क्या वे चाहते हैं कि भारत इस्लामिस्तान बन जाये ?

Ram Mandir Spiritual Tourism : श्रीराममंदिर भक्तों की संख्या में वेटिकन तथा मक्का को पीछे छोडेगा !

श्रीरामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा किए जाने के उपरांत २३ जनवरी से मंदिर सर्वसामान्य नागरिकों के लिए खोला गया है । यहां प्रतिदिन १ लाख भक्त दर्शन के लिए आने का अंदाजा है ।

अयोध्या त्रेतायुग जैसी दिख रही है ! – मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास

इस समय भी त्रेतायुग की झलक देखने को मिल रही है, ऐसा वक्तव्य श्रीरामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने किया । वे पत्रकारों से बात कर रहे थे ।