Ayodhya Ramlala : श्री रामलला विराजमान !

बालस्वरूप के श्री रामलला की मोहक मूर्ती

अयोध्या (उत्तर प्रदेश) – जिस क्षण की रामभक्त पिछले ५०० वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे, वह क्षण २२ जनवरी को दोपहर १२ बजकर २९ मिनिट पर देश के ही नहीं, अपितु पूरे विश्व के करोडों लोगों ने अनुभव किया ! रामभक्तों ने बालस्वरूप के श्री रामलला का स्मित हास्य ‘इसी देह, इसी आंखों से’, अनुभूत किया एवं वे भावविभोर हो गए तथा उनकी आंखों से भावाश्रू बहने लगे ! केवल भारत के नहीं, अपितु विश्व के इतिहास में एक ही समय करोडों लोग एकत्रित आकर किसी देवता का रूप देखकर उनकी एक ही समय भावजागृति होना, ऐसा योग अनेक युगों में नहीं आया था, परंतु  ऐसा अतिदुर्लभ योग का संयोग हुआ, केवल अयोध्या के भव्य श्रीराम के मंदिर में बालस्वरूप की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा करते समय !

‘विश्व के रामभक्त ही नहीं, अपितु त्रिलोक के देवी-देवता, ऋषि-मुनियों ने भी इस क्षण को अनुभव करते हुए त्रैलोक्याधिपति भगवान श्रीराम के बालस्वरूप मूर्ति पर पुष्पवृष्टि की’, ऐसी अनुभूति भी अनेक लोगों को हुई होगी, इसमें कोई संदेह नहीं है ! श्रीराम के भव्य मंदिर में मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा की विधि देखते समय ‘भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हुई है, अब भारत में रामराज्य अवतीर्ण हो चुका है’, ऐसी अनुभूति भी  अनेक लोगों को हुई । ‘हिन्दू राष्ट्र कैसा होगा ?’, ऐसा प्रश्‍न पूछनेवालों के लिए, यह क्षण ही उनके प्रश्‍न का उत्तर था । ‘हिन्दू राष्ट्र’ यह पूर्णतः मर्यादापुरुषोत्तम, पतित पावन, सीताराम, कोदंडधारी राम, बालकराम इन नामों में बसे भाव के अनुरूप  कारभार करनेवाला होगा, यही इससे ध्यान में आया होगा, इसमें संदेह नहीं है ।

ऐसे हुई प्राणप्रतिष्ठा !

पूजा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

दोपहर १२ बजकर ०५ मिनिट के उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का श्रीराममंदिर के स्थल पर आगमन हुआ । हाथ में लाल वस्त्र एवं रजत का छत्रचामर लेकर प्रधानमंत्री पैदल श्रीराममंदिर में पहुंचे । गर्भगृह के बाहर कुछ समय  पुरोहितों की उपस्थिति में पूजा की गई । इस समय छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक करनेवाले पुरोहित गागा भट्ट के वंश से लक्ष्मीकांत दीक्षित द्वारा विधि की गई । इस समय प्राणप्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालनेवाले प्रख्यात ज्योतिषी श्री. गणेश्‍वरशास्त्री द्रविड भी उपस्थित थे । तदनंतर प्रधानमंत्री मोदी एवं पुरोहित के साथ ही उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, ‘श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट’ के कोषाध्यक्ष प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज ने गर्भगृह में प्रवेश किया । गर्भगृह में ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास महाराज, श्री रामलला के प्रमुख पुरोहित सत्येंद्र दास, पिछले ७ दिनों से प्राणप्रतिष्ठा के प्रमुख यजमान डॉ. अनिल मिश्र यहां पहले से ही उपस्थित थे । आगे १५ मिनिट प्राणप्रतिष्ठा की भिन्न विधियां की गई । १२ बजकर  २९ मिनिट के उपरांत श्रीराममूर्ति के अभिजीत मुहूर्त पर विधि का आरंभ होने के पश्चात मूर्ति का पूरे विश्व को दर्शन कराया गया । तदनंतर आधा घंटा अन्य विधि एवं आरती की गई । मूर्ति प्रतिष्ठा की विधियां पूर्ण होने के उपरांत एवं प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के उपरांत सभी निमंत्रितों ने मंदिर में दर्शन लिए ।

विधि करते समय भावविभोर प्रधानमंत्री मोदी !

प्राणप्रतिष्ठा विधि करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्राणप्रतिष्ठा के विशेष यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से प्राणप्रतिष्ठा की विधि लगभग १ घंटा की गई । इस संपूर्ण विधि के समय प्रधानमंत्री मोदी भावविभोर स्थिति में थे । प्रधानमंत्री मोदी को रामनाम का जप करते हुए, मंत्र बोलते हुए तथा प्रत्येक विधि अत्यंत भावपूर्ण पद्धति से करते हुए करोडों रामभक्तों ने देखा ।  भारत की स्वतंत्रता के ७५ वर्षों में पहली बार ही किसी प्रधानमंत्री द्वारा इस प्रकार का भाव व्यक्त होते हुए जनता ने देखा । ‘देवता की तथा वह भी ५०० वर्षों के उपरांत प्रतिष्ठापित होनेवाले भगवान श्रीराम के लिए भाव कैसा होना चाहिए’, इसका प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रत्येक भक्त, साधक एवं शिष्य को अनुभव हुआ ।

वर्ष १९९२ में बाबरी ढांचा ढहाने के पश्चात उस स्थान पर एक चबूतरे पर तंबू में श्री रामलला की स्थापना की गई थी । उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने तंबू में विराजमान श्री रामलला को देखकर ‘यहीं भव्य श्रीराममंदिर के निर्माण के उपरांत ही पुनः आऊंगा’, ऐसी प्रतिज्ञा की थी । ‘यह प्रतिज्ञा आज के दिन उनके हाथों इस मंदिर की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा होकर पूर्ण होते हुए देखकर, प्रधानमंत्री मोदी का कृतज्ञ भाव जागृत होता होगा’, ऐसा रामभक्तों को उनकी ओर देखने से लग रहा था ।

समारोह के लिए ७ सहस्र से अधिक निमंत्रितों की उपस्थिति !

श्रीराममूर्ति के प्राणप्रतिष्ठा समारोह में श्रीराममंदिर परिसर में ७ सहस्र से अधिक निमंत्रितों की बैठने की व्यवस्था की गई थी । वे विधि देख सके, इसलिए बडे बडे ‘एलईडी स्क्रीन’ की सुविधा अनेक स्थानों पर की गई थी । निमंत्रितों में साधु, संत, महंत, वारकरी, विविध धार्मिक संप्रदायों के प्रमुख, मुख्यमंत्री, मंत्री, अधिवक्ता, अभिनेता, खिलाडी, उद्योजक आदि उपस्थित थे । इन विशेष निमंत्रितों में सनातन संस्था की ओर से सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारीणी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी एवं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी भी उपस्थित थीं ।

आरती के समय निमंत्रितों द्वारा घंटानाद !

श्रीराममूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के उपरांत आरती की गई । उससे पूर्व मंदिर के परिसर में उपस्थित निमंत्रितों को छोटी घंटियां बांटी गई थीं । आरती का प्रारंभ होने पर सभी निमंत्रितों द्वारा घंटानाद किया गया ।

भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर से मंदिर पर पुष्पवृष्टि !

श्रीराममंदिर में १२ बजकर २९ मिनिट के अभिजित मुहूर्त पर मूर्ति के दर्शन कराए गए । ठीक उसी समय भारतीय सेनादल के हेलिकॉप्टर से मंदिर पर एवं मंदिर परिसर में आकाश से पुष्पवृष्टि की गई ।

मंदिर के निर्माणकार्य के श्रमिकों पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पुष्पवृष्टि !

श्रीराममूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा की विधि संपन्न होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर के परिसर में उपस्थित निमंत्रितों का मार्गदर्शन किया । तदनंतर मंदिर के निर्माणकार्य के लिए पिछले ४ वर्षों से झोंक कर कार्य करनेवाले श्रमिकों एवं अभियंताओं को मिलकर उन पर पुष्पवृष्टि की ।

क्षणिकाएं !

१. अयोध्या धाम में जानेवाली सडकों के दोनों ओर नागरिकों की प्रचंड भीड थी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाहन से आगमन हुआ, तब सभी ने ‘जय श्रीराम’ का  जयघोष किया ।

२. श्रीराममंदिर की मूर्ति का प्राणप्रतिष्ठा समारोह सभी देख सके, इसलिए अयोध्या नगरी में अनेक स्थानों पर बडे स्क्रीन लगाकर ‘लाइव स्ट्रीम’ का प्रयोजन किया गया था ।

३. भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा होते ही अयोध्या नगरी में सर्वत्र प्रभु श्रीराम का जयघोष किया गया ।

४. श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के उपरांत अयोध्या नगरी में अनेक स्थानों पर  आतिशबाजी की गई ।

५. सडकों पर अनेक स्थानों पर छोटे मंचों का निर्माण कर उत्तर प्रदेश के भिन्न सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किए गए ।

अयोध्या नगरी पर हेलिकॉप्टर द्वारा पुष्पवृष्टि !

प्रभु श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के उपरांत श्रीराममंदिर एवं अयोध्या नगरी पर भी हेलिकॉप्टर द्वारा पुष्पवृष्टि की गई । इस समय सभी भक्तगण हाथ उठाकर श्रीरामनाम का जयघोष कर रहे थे ।

विशिष्टतापूर्ण !

अनेक दिनों के उपरांत हुए सूर्यनारायण के दर्शन !

पिछले कई दिनों से दोपहर तक अयोध्या नगरी में धुंध रहती थी । २२ जनवरी को, प्रभु श्रीराम की मूर्ति के प्राणप्रतिष्ठा के दिन सवेरे से ही आकाश में सूर्यनारायण के दर्शन हुए । धुंध हटकर धूप हो गई थी । इस कारण ठंड भी काम हुई ।