अयोध्या से ‘सनातन प्रभात’ का विशेष वृत्तांकन !
अयोध्या, २१ जनवरी (समाचार) – मुसलमान और ईसाई वृहत् प्रमाण में घर वापसी कर रहे हैं (हिन्दू धर्म में पुनर्प्रवेश कर रहे हैं)। जिन लोगों के पूर्वज रूढिवादी हिन्दू थे, जिनका बलपूर्वक धर्म परिवर्तन कराया गया था, वे हिन्दू धर्म में पुनर्प्रवेश कर रहे हैं। सर्वत्र मानवतावाद का भगवा लहरा रहा है। प्रभु श्री राम का पवित्र आगमन हुआ है। दैनिक ‘सनातन प्रभात’ को दिए, एक विशेष साक्षात्कार में अयोध्या के तपस्वी शिविर के प्रमुख जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने विश्वास व्यक्त किया कि, हिन्दू राष्ट्र आने से कोई नहीं रोक पाएगा।
उस समय जगद्गुरु परमहंसाचार्यजी महाराज ने कहा,
१. प्रत्येक व्यक्ति गूगल पर ‘भगवान श्री राम का जन्म कहां हुआ था?’ से संबंधित जानकारी शोध रहा है। हिन्दू अन्य संप्रदाय के लोगों को भी श्री राम का महत्व विशद कर रहे हैं। ‘भगवान श्री राम कौन थे?’ यह ज्ञात होने का दुर्लभ अवसर अब प्राप्त हुआ है।
२. भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य उत्सव को लेकर अयोध्या सहित संपूर्ण भारत एवं विश्व में हर्ष व उल्लास का वातावरण है। सर्व जाति एवं धर्म के लोग भी उत्साहित और आनंदित हैं। २२ जनवरी को होने वाले प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सभी प्रतीक्षा कर रहे हैं ।
३. यह राम राज्य का प्रारंभ है। त्रेता युग के रामराज्य की चर्चा कलयुग में भी हो रही है।
२२ जनवरी मुहूर्त का महत्व !
२२ जनवरी को श्री रामलला की मूर्ति के अभिषेक के लिए ८४ सेकंड का शुभ मुहूर्त है। जिसमें भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह शुभ मुहूर्त मध्यान्ह १२.३० बजे से प्रारंभ होगा। ८४ सेकंड में भी ४ सेकंड अति महत्वपूर्ण हैं। उस पवित्र बेला में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रभु श्री राम के कमल नयनों में काजल लगाएंगे। उसी क्षण से प्रभु श्रीराम आशीर्वाद देना प्रारंभ करेंगे। उन क्षणों में भगवान श्रीराम प्राणप्रतिष्ठित होंगे । उससे पूर्व संपूर्ण सिद्धता संपन्न करली जाएगी । ये अत्यंत अद्भुत है। जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने कहा कि इन क्षणों की , इस घड़ी के लिए के लिए हिन्दू धर्मावलंबियों ने ५०० वर्षों तक संघर्ष किया है, यहां तक कि अपने प्राणों की आहुति भी दी है।
‘सनातन प्रभात’ के कार्यों की सराहना !
जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने ‘सनातन प्रभात’ के कार्यों की सराहना की और ‘सनातन प्रभात’ को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक हिंदुओं को सनातन प्रभात पढना चाहिए और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
Swami Peethadheeshwar Jagadguru Paramhansacharyaji gave Ashirwaad to Sanatan Prabhat!
Sanatan Prabhat is spreading the significance of Sanatan Dharma across the globe, Jagadguru said.#JaiShreeRam #AyodhyaRamMandir शोभा यात्रा | राम सेतु#SanatanPrabhatInAyodhya #AyodhyaDham pic.twitter.com/SIV1wP7DUo
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 21, 2024