अयोध्या (उत्तर प्रदेश) – श्रीरामलला की प्राणप्रतिष्ठा के उपरांत गर्भगृह दैवीय रूप जैसा दिख रहा है । त्रेतायुग में जब भगवान श्रीराम सिंहासन पर विराजमान हुए थे, उस समय जो वातावरण था, वह आज है । इस समय भी त्रेतायुग की झलक देखने को मिल रही है, ऐसा वक्तव्य श्रीरामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने किया । वे पत्रकारों से बात कर रहे थे ।
श्रीराममंदिर में भ्रमणभाष पर प्रतिबंध
श्रीराममंदिर में प्रवेश करने वाले भक्तों को कडे सुरक्षा के नियम पालन करने पडेंगे । मंदिर में सभी प्रकार के विद्युत उपकरण लाने पर मनाई है । वहां भ्रमणभाष, कैमरा आदि वस्तुएं ले जाने पर भी प्रतिबंध है । भक्त मंदिर में जाते समय पेडा, फल अथवा अन्य वस्तु भी ना लेकर जाएं ।
आरती के लिए लेना होगा पास !
आरती के लिए उपस्थित रहने वाले भक्तों को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से पास लेना होगा । यह पास नि:शुल्क होगा । इसके लिए आधार कार्ड सहित कोई भी वैध पहचान पत्र आवश्यक है । वर्तमान में केवल ३० लोगों को ही आरती के समय उपस्थित रहने की अनुमति होगी । भक्तों को सुबह ६:३०, १२:३० और सायंकाल ६:३० की आरती में सहभागी हो सकेंगे । ऑनलाइन पास sribtkshetra.org इस संकेतस्थल द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
आरती का समय
- पहले आरती भोर में ६:३० बजे : मंगला आरती यह भगवान को जागने के लिए है ।
- दूसरी आरती सुबह ६:३० बजे : श्रृंगार आरती के समय यंत्रपूजा, सेवा और बालभोग होगा ।
- तीसरी आरती ११:३० बजे : राजभोग आरती (दोपहर के भोग के समय) होगी । इसके उपरांत रामलला ढाई घंटे विश्राम करेंगे । गर्भग्रह बंद किया जाएगा । इस समय भक्त मंदिर परिसर में घूम सकते हैं ।
- चौथी आरती दोपहर २:३० बजे : इसमें अर्चक श्रीरामलला को नींद से उठाएंगे ।
- पांचवी आरती सायंकाल ६:३० बजे होगी
- छठी आरती रात्रि ८:३० बजे : इसे शयन आरती कहा जाएगा । इसके उपरांत श्रीरामलला सोएंगे ।