Patanjali Case : विज्ञापन के आकार इतना क्षमापत्र छापा क्या ? – उच्चतम न्यायालय

कथित अयोग्य विज्ञापन प्रसारित करनेवाले ‘पतंजलि’ के विरोध में याचिका !

योगऋषि रामदेवबाबा

नई देहली – ‘योगऋषि रामदेवबाबा और आचार्य बालकृष्ण एक सप्ताह के अंदर जनता से बिना शर्त क्षमा मांगें’, उच्चतम न्यायालय के इस आदेश पर ‘पतंजलि’ ने कुछ समाचारपत्रों में क्षमापत्र प्रकाशित किए हैं । ऐसा हुआ है, तो भी उच्चतम न्यायालय ने इस पर आपत्ति ली है । दोनों ने दिशाभ्रमित करने वाले विज्ञापन प्रसारित करने के प्रकरणात में न्यायमूर्ति हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ के सामने यह सुनवाई याचिका प्रविष्ट की है । २२ अप्रैल के दिन पतंजलि ने अनेक समाचारपत्रों में क्षमापत्र प्रकाशित किए। दिशाभ्रमित करने वाले विज्ञापन प्रकाशित करना और प्रकरण न्याय प्रविष्ट होते हुए भी पत्रकार परिषद लेना, इन प्रकरणों के लिए यह क्षमापत्र प्रकाशित किए गए थे ।

इस क्षमापत्र के विषय में पतंजलि के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायालय को बताया कि इन विज्ञापनों के लिए १० लाख रूपयों का खर्च आया और ६७ समाचारपत्रों में यह विज्ञापन प्रकाशित किए गए हैं । इस पर न्यायालय ने कहा कि आपके द्वारा किए विज्ञापन के आकार जितना यह क्षमापत्र है क्या ? अगली सुनवाई अब ३० अप्रैल को होगी और प्रकाशित किए क्षमापत्रों की कटिंग उस समय प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है ।

‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ द्वारा पतंजलि पर दिशाभ्रमित करने वाले विज्ञापन प्रसारित किए जाने का आरोप करते हुए उनके विरोध में उच्चतम न्यायालय में प्रविष्टि की याचिका पर सुनवाई चल रही है ।