कोलकाता – शहर के नवीन नगर में श्री दुर्गापूजा का आयोजन करनेवालों ने पूजा की परंपरा खंडित करते हुए महाष्टमी को ‘कुमारिका पूजन’ के लिए श्री दुर्गादेवी के रूप में नफिसा नाम की ८ वर्षीय मुसलमान लड़की का चुनाव किया । आयोजकों ने बताया कि धार्मिक सौहार्द का संदेश देने की दृष्टि से यह चुनाव किया है । (मुसलमान अथवा ईसाइयों ने अपने धार्मिक कृत्यों में हिन्दुओं को कभी सम्मिलित किया, ऐसा कभी सुना है क्या ? – संपादक)
१. महाष्टमी को दुर्गादेवी के रूप में ब्राह्मण कुमारिका का चुनाव करने की पद्धति प्रचलित है । मृट्टिका क्लब’ की महिला समिति ने कहा कि सर्वसमावेशकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुसलमान कुमारिका को चुना गया है ।
२. आयोजकों ने कहा कि एक शतक पूर्व स्वामी विवेकानंद द्वारा की गई कृति से प्रेरणा लेकर यह निर्णय लिया गया है । वर्ष १८९८ में एक यात्रा के समय स्वामी विवेकानंद ने मुसलमान नाविक की ४ वर्ष की लड़की की ‘कुमारिका पूजा’ की थी तथा इस विधि के एक भाग के रूप में उसके पैर छूने पर श्री दुर्गादेवी का आशीर्वाद मिला था । (गर्व से कहो हम हिन्दू हैं’, यह घोषणा भी स्वामी विवेकानंद ने दी थी । इस संदर्भ में आयोजकों को कुछ कहना है क्या ? – संपादक)
संपादकीय भूमिका
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