धर्मांध मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं को नवरात्रोत्सव न मनाने की धमकी !

  • भरूच (गुजरात) के मुसलमानबहुल गांव की घटना !

  • मंडप की तोडफोड करने की धमकी !

हिन्दुओं को नवरात्रोत्सव न मनाने की धमकी

भरूच (गुजरात) – यहां मुसलमानबहुल इखर गांव के स्थानीय हिन्दू समाज को वहां के मुसलमानों ने धमकी दी है कि नवरात्रि के समय गरबा का आयोजन करने पर वे तोडफोड करेंगे ! इस प्रकरण में इन हिन्दुओं ने जिलाधिकारी को निवेदन दिया है । इसमें न्याय देने के साथ ही सुरक्षा दी जाने की भी मांग की है ।

१. इस प्रकरण में नवरात्रोत्सव के आयोजक शैलेश वसावा ने कहा है कि प्रतिवर्ष समान इस वर्ष भी हमने नवरात्रोत्सव का आयोजन किया है । उसके लिए गांव में स्वच्छता चल रही थी । उस समय पडोस में रहनेवाले मोहसिन अली खान पठान और अली हसन पठान आए और हमें अपशब्द (गाली-गलौज) बोलने लगे । हमने उनसे कहा, ‘हम एकत्र गांव में रहते हैं, फिर आप ऐसा बर्ताव क्यों कर रहे हैं ?’ इस पर वे धमकी देते हुए बोले, ‘किसी को बुलाना है, तो उन्हें बुला लो । यह हमारा क्षेत्र है । हम यहां नवरात्रोत्सव मनाने नहीं देंगे । यदि गांव में गरबा खेला जाएगा, तो हम मंडप तोडकर फेंक देंगे, पथराव करेंगे !’ इस गांव में अन्यत्र उत्सव मनाने के लिए खुला स्थान नहीं है ।

२. शैलेश वसावा ने आगे कहा, ‘‘ऐसा पहली बार नहीं हुआ । इससे पूर्व भी अनेक बार हमें ऐसी धमकियां दी गईं हैं । एक बार उन्होंने (धर्मांध मुसलमानों ने) जहां गरबा और दीप लगाते हैं, वह स्थान तोड डाला था । हमने शिकायत नहीं की; इसलिए कि हमें उनके साथ यहीं रहना है । हमारे  प्रत्येक उत्सव के समय वे बाधाएं निर्माण करते हैं । स्थानीय हिन्दू महिलाओं से उन्होंने अनेक बार अश्लीत व्यवहार किया है । मुसलमान बहुसंख्यक होने से हम कुछ नहीं कर सकते । उनकी धमकी के कारण हम चिंतित हैं । (इतने वर्ष ऐसे ही चल रहा है और हिन्दू उसे सहन करते आए हैं, यह लज्जाजनक है ! – संपादक) भविष्य में वे हमें क्षति पहुंचा सकते हैं । प्रशासन से हमारी मांग है कि हमें सुरक्षा और न्याय दें ।

३. इस घटना के कारण भरूच में वीर बिरसा ब्रिगेड एवं अन्य कुछ संगठन एकत्र आए हैं । उन्होंने जिलाधिकारी से मुसलमानों पर कार्रवाई करने की मांग की है ।

संपादकीय भूमिका 

  • हिन्दुओं को लगता है कि गुजरात में भाजप की सरकार के होते हुए धर्मांधों को ऐसी धमकी देने का दुस्साहस नहीं हाेना चाहिए !
  • निधर्मीवादी एवं आधुनिकतावादी, इसके साथ ही मंदिरों में जानेवाले राहुल गांधी इस विषय में कुछ बोलेंगे ? या फिर गांधीवादियों को लगता है कि जहां मुसलमान बहुसंख्यक हैंं, वहां हिन्दुओं को धर्मांध मुसलमानों के बताए अनुसार करना चाहिए ?