‘स्वयं की समस्या विश्व की समस्या है’, इस मानसिकता को यूरोप को त्याग देना चाहिए !

‘स्वयं की समस्या पूरे विश्व की समस्या है’, इस मानसिकता को यूरोप को त्याग देना चाहिए; क्योंकि विश्व की समस्या यूरोप की समस्या नहीं है, ऐसे शब्दों में भारत के विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने यूरोप को फटकार लगाई । वे यूरोप में स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में आयोजित ‘ग्लोबसेक २०२२’ परिषद में बोल रहे थे ।

तो पाक के ३ टुकड़े हो जाएंगे! – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का दावा

आरोप है, कि भारत बलूचिस्तान को अलग करने का प्रयास कर रहा है

जब तक भारत गाडियां बेचने की अनुमति नहीं देता, तब तक ‘टेस्ला’ नई गाडियों की निर्मिति नहीं करेगा ! – इलौन मस्क

टेस्ला प्रतिष्ठान के मालिक श्री. इलौन मस्क ने ट्वीट किया है, ‘जब तक भारत, देश में टेस्ला निर्मित चार पहिएवाली गाडियां बेचने की अनुमति नहीं देता, तब तक टेस्ला चार पहिएवाली नई गाडियां नहीं बनाएगा’ ।

चीन चाहता है कि पडोसी देश समृद्ध हों !

चीन ने श्रीलंका को सहस्रों करोड रुपयों का ऋण देकर उसके साथ विश्वासघात किया । जिसके फलस्वरूप आर्थिक दृष्टि से उसकी कमर ही टूट गई । ध्यान दें कि जब नेपाल एवं पाकिस्तान उसी आर्थिक सर्वनाश के मार्ग पर हैं, तब इस प्रकार के तर्कहीन तथा अपरिपक्व वक्तव्य गांधी एवं उनकी कांग्रेस दोनों को इतिहास में विलुप्त करने लिए पर्याप्त हैं !

तमिलनाडु के देवसहायम् पिल्लई को वेटिकन ने घोषित किया ‘संत’ ।

पिल्लई संत घोषित होनेवाले पहले भारतीय हैं। इस समय भारतीय समुदाय ने तिरंगा झंडा लहराकर आनंदाेत्सव मनाया।

भारतीय सेना अब केवल भारत में निर्मित शस्त्रास्त्र का उपयोग करेगी !

अब भारतीय सेना के लिए रक्षा उपकरण बनाने वाले प्रतिष्ठानों को भारत में ही उनका निर्माण करना होगा ।

भारत के शत्रु और उनसे लडने की तैयारी !

‘भारत और पाक के बीच यदि अब कोई भी युद्ध हुआ, तो उसका रूपांतरण परमाणु युद्ध में ही होगा’, यह बात भारतियों को सदैव ध्यान में रखकर उस दृष्टि से निरंतर तैयार रहना चाहिए ।

अमरिकी कांग्रेस सदस्य द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर यात्रा का भारत ने किया निषेध

भारत अंतत: कितने दिन तक ऐसा निषेध करता रहेगा? अब शाब्दिक विरोध करने तक सीमित न रहकर पाक अधिकृत कश्मीर को अपने नियंत्रण में लेने हेतु भारत ठोस कदम उठाए, ऐसा राष्ट्र प्रेमियों को लगता है !

‘भारत मुसलमानों के नरसंहार में सहभागी !’

पाक में, प्रथम ९ प्रतिशत होनेवाले हिन्दू अब १ प्रतिशत ही बचे हैं, तो भारत में उस समय ३ प्रतिशत होनेवाले मुसलमान अब १५ प्रतिशत हुए हैं ; ये डॉ. अल्वी क्यों नहीं बताते ?