संपादकीय : अश्लीलवीरों पर प्रतिबंध आवश्यक
यू ट्यूब चैनल चलाकर करोडों रुपए कमानेवाले रणवीर इलाहाबादिया ने एक कार्यक्रम में व्यंग्य के नाम पर अत्यंत निचले स्तर पर जाकर बात की । उसके कारण भारत में वातावरण गरम है ।
यू ट्यूब चैनल चलाकर करोडों रुपए कमानेवाले रणवीर इलाहाबादिया ने एक कार्यक्रम में व्यंग्य के नाम पर अत्यंत निचले स्तर पर जाकर बात की । उसके कारण भारत में वातावरण गरम है ।
‘विश्व का सबसे पुराना लोकतंत्र’ अमेरिका तथा ‘विश्व का सबसे बडा लोकतंत्र’ भारत, इन दोनों देशों के मध्य शीतयुद्ध के समय अनेक विषयों पर तनावपूर्ण संबंध थे । इन दोनों देशों का विश्व की राजनीति की ओर देखने का दृष्टिकोण भिन्न था । अमेरिका एवं भारत के आपस में हितसंबंधों की दृष्टि से इस लेख में विवरण दिया गया है ।
कुछ दिन पूर्व डॉ. चिदंबरम् के रूप में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की लडाई में योगदान देनेवाला सेनापति हमने खो दिया है । ४ जनवरी २०२५ को ८८ वें वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ । उनका देश के लिए योगदान अतुलनीय है । भारत के इस वैज्ञानिक के विषय में अब हम जान लेते हैं ।
भावनात्मक होकर न्यायदान करने की अपेक्षा न्याय मांगनेवाला क्या विचार तथा बुद्धि लेकर आपके सामने आया है, इसे पहचानना समय की मांग है ।’
हिन्दू धर्म की सीख अपनाएं तथा अपना कल्याण कर लें ! राष्ट्र एवं धर्म के लिए तन-मन-धन से समर्पित हों ! प्रत्येक स्त्री यदि इस प्रकार क्रियाशील एवं रणरागिनी बन गई, तो हिन्दू राष्ट्र की स्थापना भी शीघ्र गति से होगी, यह निश्चित है !
इस लेख में हम ‘बुढापे में आनेवाली समस्याएं’, ‘एल्जाइमर्स डिसीज’ क्या है ? तथा उसके उत्पन्न होने के कारणों के विषय में समझ लेंगे ।
लगभग ४ लाख ५० सहस्र लडकियां बलपूर्वक देहबिक्री के व्यवसाय में आती हैं । उनमें से १ लाख २० सहस्र लडकियां महाराष्ट्र की हैं । लगभग ७० सहस्र लडकियों को मुंबई की वेश्याबस्ती में रहना पडता है ।
वैश्विक सर्वेक्षण ब्योरे में कहा गया है कि ऊपर बताए अनुसार महिलाएं, विशेषकर युवतियां आकर्षक दिखने के लिए बहुत तंग कपडे पहनती हैं, जिसका गुंडे तथा वासनांध पुरुष लाभ उठाते हैं ।
स्त्री घर का चैतन्य है । उसके बिना घर बहुत सूना-सूना लगता है । जिस घर में स्त्री होती है, वह घर भरा हुआ लगता है । उसका कारण यही होता है कि उसमें विद्यमान प्रकट-अप्रकट शक्ति के कारण ईश्वर का अस्तित्व प्रतीत होकर घर में प्रसन्नता प्रतीत होती है ।
धर्म को केंद्रस्थान में रखकर ही स्त्री शिक्षा का प्रचार होना चाहिए । अन्य सभी शिक्षाएं धर्म की तुलना में गौण होनी चाहिए । धर्मशिक्षा, शीलसंवर्धन तथा कठोर ब्रह्मचर्यपालन की ओर ध्यान देना होगा ।