श्रीराम नवमी एवं हनुमान जयंती के निमित्त उनके विषय में कुछ विशेष जानकारी…
देवताओं एवं अवतारों की जन्मतिथि पर उनका तत्त्व भूतल पर अधिक सक्रिय रहता है । श्रीरामनवमी के दिन रामतत्त्व सामान्य की तुलना में १ सहस्र गुना सक्रिय रहता है ।
देवताओं एवं अवतारों की जन्मतिथि पर उनका तत्त्व भूतल पर अधिक सक्रिय रहता है । श्रीरामनवमी के दिन रामतत्त्व सामान्य की तुलना में १ सहस्र गुना सक्रिय रहता है ।
‘श्रीरामरक्षास्तोत्र का पाठ करना तथा श्रीराम का नामजप करना तथा करनेवाले पर उसका क्या परिणाम होता है ?’, इसका विज्ञान द्वारा अध्ययन करने हेतु ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ द्वारा से परीक्षण किए गए ।
हिन्दू धर्म को माननेवाली जर्मन लेखिका मारिया वर्थ ने इस लेख के द्वारा प्रभु श्रीराम, श्रीराम मंदिर, हिन्दू धर्म एवं वर्तमान स्थिति का जो अवलोकन किया है, वह यहां दे रहे हैं ।
प्रभु श्रीराम की अयोध्यानगरी की गणना ७ मोक्षनगरियों में की जाती है । उसका आध्यात्मिक महत्त्व, उसे गतवैभव प्राप्त करवाने में सम्राट विक्रमादित्य द्वारा किया गया कार्य इस लेख के द्वारा यहां दे रहे हैं, जिससे रामभक्त पाठकों की प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा बढेगी ।
दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक ‘रामायण’ से सभी भारतीय सुपरिचित हैं । इस धारावाहिक के कारण वास्तव में रामायण घर-घर पहुंचा । यह धारावाहिक बनाना चुनौतीपूर्ण कार्य था । उ इस बडे धारावाहिक के चित्रीकरण से संबंधित कुछ बातें बहुत ही विशेषतापूर्ण हैं ।
‘लाखों वर्ष उपरांत भी तथा सहस्रों पीढियां बीत जाने पर भी प्रभु श्रीराम जनमानस में आदरणीय हैं; इसीलिए वे अविनाशी भगवान हैं’, यह दर्शाता है । श्रीराम का महत्त्व प्रत्येक हिन्दू के लिए अनन्यसाधारण है । श्रीराम से संबंधित कुछ उल्लेखनीय सूत्र यहां दिए गए हैं
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही ब्रह्मदेव ने ब्रह्मांड की निर्मिति की । उनके नाम से ही ‘ब्रह्मांड’ नाम प्रचलित हुआ । इसका महत्त्व क्या है तथा इसे कैसे मनाना चाहिए, इसके बारे में सनातन संस्था की ओर से यहां के नक्की घाट स्थित त्रिदेव मंदिर में श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन किया ।
श्रीविष्णु का कार्य एवं विशेषताएं क्या हैं ? श्रीविष्णु को तुलसी क्यों अर्पित करते हैं ? ये जानने के लिए अवश्य खरीदे लघुग्रंथ ” श्री विष्णु”
वे यहां के अंबिका आश्रम में प.पू. सदगुरुदेव श्री गजानन महाराज बाबाजी के १०४ वें जन्मोत्सव कार्यक्रम हेतु पधारे साधकों का मार्गदर्शन कर रहे थे ।
वर्तमान में कई युवा तनाव के वातावरण में जीवनयापन कर रहे हैं । विषम परिस्थिति में न घबराते हुए संकल्प के साथ कार्य करने की आवश्यकता है । सकारात्मक सोच के साथ मन की शक्ति प्रदान करें ।