‘लव जिहाद’ पर कैसे रोक लगानी चाहिए ?

‘लव जिहाद’ के संकट के विषय में विद्यालयों-महाविद्यालयों, महिला समूहों, व्यावसायिक केंद्रों, धार्मिक कार्यक्रमों आदि माध्यमों से समाज में जागृति लाना आवश्यक है ।

‘लव जिहाद’ पर नियंत्रण लाने के लिए भारत में भी इजरायल समान कठोर कानून चाहिए !

इजरायल में ज्यू एवं मुसलमान, इन दोनों के बीच विवाह पर कानूनन प्रतिबंध है ।

हिन्दू स्त्रियों की धर्म की रक्षा के प्रति की उदासीनता ही मुसलमानों के लिए लाभकारी सिद्ध होना !

जिन स्त्रियों के संदर्भ में यह समस्या उत्पन्न हुई, वे हिन्दू स्त्रियां धर्मरक्षा के विषय में जितना आवश्यक है, उतना जागरूक नहीं हैं, अपितु चिंताविहीन हैं तथा यही बात मुसलमानों के लिए लाभकारी सिद्ध होती है ।

‘लव जिहाद’ के विरुद्ध हिन्दुओं को असहायता की भावना छोडकर संगठित एवं क्रियाशील होना आवश्यक !

बच्चों को धर्माचरण करने का आग्रह रखना ही चाहिए । धर्माचरण के कारण हिन्दू युवती अथवा महिला को ऐसे प्रतिकूल प्रसंग का सामना करने का निश्चित रूप से सामर्थ्य देगा ।

‘लव जिहाद’ समूल नष्ट होने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति का उल्लेखनीय कार्य !

हिन्दू जनजागृति समिति गत अनेक वर्षाें से ‘लव जिहाद’ के विषय में समाज में जनजागृति कर रही है । समिति द्वारा जनजागृति करने के लिए ‘लव जिहाद’ नामक ग्रंथ प्रकाशित किया गया है ।

लव जिहाद के माध्यम से मुसलमान जनसंख्या बढाने का षड्यंत्र ! – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

आज मुसलमानों ने ‘गजवा-ए-हिन्द’ (इस्लामिस्तान) एवं ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ के ‘विजन-२०४७’ की संकल्पना के अनुसार पूरी भारत-भूमि पर इस्लामी शासन स्थापित करने का लक्ष्य रखा है ।

लव जिहाद रोकना, हिन्दू समाज का दायित्व एवं कर्तव्य है !

हिन्दू लडकियां हिन्दू संस्कृति के गुणसूत्रों के अधिकोष (जीनबैंक) हैं । उनका विवाह अन्य पंथियों से होने देना, अर्थात हिन्दू वंशवृद्धि के अमूल्य गुणसूत्र दूसरों को सौंपना । यह बात टालें !

धर्म एवं राष्ट्र की हो रही हानि को रोकने हेतु जागृति करनेवाले ग्रंथ

धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के कारण हो रही भारत की अधोगति रोकने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ की आवश्यकता प्रतिपादित करनेवाला एवं धर्माधिष्ठित राज्यव्यवस्था का महत्त्व विशद करनेवाला ग्रंथ – ‘हिन्दू राष्ट्र क्यों आवश्यक है ?’

निरंतर पंखे की हवा से होनेवाले कष्ट की संभावना

रात में सोते समय ६ से ८ घंटे पंखे की जोरदार हवा शरीर पर आती है । इससे शरीर में रुक्षता (सूखापन) निर्माण होती है । परिणामस्वरूप अनेक लोगों को खांसी शुरू हो जाती है ।

गर्मियों में सावधानी बरतें और विविध विकारों से दूर रहें !

‘वर्तमान में गर्मियां आरंभ हो गई हैं । इस काल में शरीर का तापमान बढना, पसीना आना, शक्ति क्षीण होना आदि कष्ट होते हैं । तापमान बढने से व्यक्ति के बेसुध (उष्माघात होकर) मृत्यु को प्राप्त होने के भी कुछ उदाहरण हैं । गर्मियों में होनेवाले विविध विकारों से दूर रहने के लिए सभी को आगे बताई सावधानी रखना आवश्यक है ।