‘लव जिहाद’ जैसी संवेदनशील समस्या के प्रति जनजागरण करने पर भी ‘लव जिहाद’ की घटनाएं बडी संख्या में हो रही हैं तथा उसके लिए हिन्दू धर्मियों की उदासीनता कारण बनी है । जिन स्त्रियों के संदर्भ में यह समस्या उत्पन्न हुई, वे हिन्दू स्त्रियां धर्मरक्षा के विषय में जितना आवश्यक है, उतना जागरूक नहीं हैं, अपितु चिंताविहीन हैं तथा यही बात मुसलमानों के लिए लाभकारी सिद्ध होती है । बाजार में जीवनावश्यक वस्तुएं खरीदते समय बिक्रेता हिन्दू है अथवा अन्य कौन है, इसका अंतर हिन्दू स्त्रियों की समझ में नहीं आता तथा धर्मरक्षा की लडाई में यह हमारी पराजय है ।’
(साभार : साप्ताहिक राष्ट्रपर्व)