लव जिहाद रोकना, हिन्दू समाज का दायित्व एवं कर्तव्य है !

१. ‘हिन्दू स्त्री के कारण आज भारत की नैतिकता एवं संस्कृति संजोई गई हैं । हिन्दू लडकियां हिन्दू संस्कृति के गुणसूत्रों के अधिकोष (जीनबैंक) हैं । उनका विवाह अन्य पंथियों से होने देना, अर्थात हिन्दू वंशवृद्धि के अमूल्य गुणसूत्र दूसरों को सौंपना । यह बात टालें !

२. ‘जिस समाज में महिलाएं सुरक्षित हैं, वह समाज ही सुरक्षित होता है’, यह ध्यान में लेकर हिन्दू लडकियों की रक्षा करें !

३. शपथ लें कि मेरी पहचान की कोई भी हिन्दू लडकी को मैं ‘लव जिहाद’ की बलि चढने नहीं दूंगा !

४. ‘अनेक बार धर्मांतरित असहाय लडकियां वापस आने के लिए तैयार होती हैं, तथापि हिन्दू समाज उन्हें अस्वीकार करता है । धर्मशत्रुओं के विरुद्ध विद्रोह कर हिन्दू लडकी वापस घर तक पहुंची है, इसका अर्थ है, उसने अपना हिन्दू अंश दिखाया है । इसलिए उसे हिन्दू समाज को स्वधर्म में पुनर्प्रवेश देकर कट्टरपंथियों पर दबाव डालना चाहिए । हममें से हिन्दू युवकों को ऐसी पीडित लडकी से विवाह करने के लिए अग्रसर होना चाहिए । साथ ही उनकी नई गृहस्थी का दायित्व आर्थिक दृष्टि से धनवान हिन्दुओं को लेना चाहिए ।’

– श्री. समीर दरेकर, हिन्दुत्वनिष्ठ


हिन्दू अभिभावकों को आवाहन !

अपनी बेटी आजीवन सुरक्षित रहे, इसलिए इन मुसलमानों से बचाओ । अन्यथा आप जीवनभर रोते रहेंगे । ऐसा समय अन्य हिन्दू अभिभावकों पर भी न आए, इसके लिए यह सूत्र अपने धर्मबंधुओं को भी बताओ । आज मुसलमानरूपी शत्रु आपके घर में घुसकर आपकी बेटी पर हाथ डाल रहे हैं । यह अत्यंत भयानक धर्मसंकट है । यह एक प्रकार से हमें समाप्त करने के लिए चल रहा धर्मयुद्ध है । इस युद्ध में अपनी ही विजय होने के लिए जीतोड प्रयत्न करें ।

– एक राष्ट्रप्रेमी