‘ईसा मसीह के आशीर्वाद और दया के कारण हम कोरोना को पराजित कर सकते हैं !’

भारत में प्रत्येक धर्म के व्यक्तियों को उनके आस्थाकेंद्रों के कारण हम कोरोना को पराजित कर सके, ऐसा लग सकता है; लेकिन राव के अनुसार अन्य धर्मीय कभी ‘प्रभु श्रीराम के कारण हम कोरोना को पराजित कर सके’, ऐसा कहेंगे क्या ?

देश में पुन: मास्क अनिवार्य करने की संभावना ! – केंद्र सरकार

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना के ‘ओमिक्रॉन बीएफ.7’ वायरस के कारण चीन में रोगियों की संख्या तीव्र गति से बढ़ रही है। आगामी ३ मास में कोरोना की ३ लहरे आने का धोखा है। इससे वहां के ८० करोड़ लोगों के संक्रमित होने की आशंका है ।

मुसलमान महिलाएं केवल दो ही बच्चों को जन्म दें ! – असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का आवाहन

असम के मुख्यमंत्री तथा उससे भी आगे जाकर केंद्र सरकार को जनसंख्या पर नियंत्रण लाने के लिए कानूनी पद्धति से ही उपाय करना चाहिए, यही हिन्दुओं की भावना है !

चीनी फिल्में तथा औषधियां बनानेवाले प्रतिष्ठानों द्वारा लूटमार !

चीन में ‘वो बू शी याओ शेन’ (‘डाइंग टू सर्वाइव’ – जीने के लिए मरना) फिल्म को दर्शक बहुत पसंद कर रहे हैं । व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगानेवाली यह फिल्म चीन में प्रदर्शित हो सकी, यह भी एक चमत्कार ही है !

चालीस के उपरांत घुटनों में वेदना न हो, इसलिए घुटनों पर नियमित तेल लगाएं !

‘सामान्य तौर पर घुटनों के दर्द पर उपचार स्वरूप तेल लगाएं कहते ही अधिकांश लोग केवल घुटनों के सामने ही तेल लगाते हैं, अर्थात घुटने के ‘नीकैप’ को ही तेल लगाते हैं । घुटनों को तेल लगाते समय उसे घुटनों के सर्व ओर लगाएं ।’

कोरोना प्रतिबंधक वैक्सिन के कारण हुई मृत्यु के लिए केंद्र सरकार उत्तरदायी नहीं !

हमें मृत व्यक्ति और उसके परिवार के विषय में संपूर्ण सहानुभूति है; लेकिन वैक्सिनेशन के उपरांत व्यक्ति पर हुए किसी भी प्रतिकूल परिणाम के लिए हमें उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता, ऐसा प्रतिज्ञापत्र केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत किया ।

देशी मिठाई एवं नमकीन पदार्थों के पैकिंग पर ‘स्वास्थ्य के लिए हानिकारक’ का लेबल लगेगा !

मिठाई और नमकीन के व्यापारियों का कहना है कि भारत में मिठाई खाकर कोई भी संतुष्ट नहीं होता है । इसलिए डिब्बे पर इस प्रकार की चेतावनी लिखना अनुचित है । ऐसे नियमों से छोटे व्यापारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा तथा बडे व्यापारियों को लाभ होगा ।

सैनिटरी नैपकिन के प्रयोग से महिलाओं को हो सकते हैं ह्रदयविकार एवं कर्करोग !

केंद्र सरकार को भारत में सैनिटरी नैपकिन बनाने वाले सभी प्रतिष्ठानों की गहन जांच कर उनके विरुद्ध कडी कार्रवाई करनी चाहिए, साथ ही उनके उत्पादों को विनियमित करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करनी चाहिए !

आंखों की सुरक्षा के लिए निम्नांकित बातों पर ध्यान दें !

आंखों पर निरंतर आनेवाले तनाव को कम करने हेतु २०-२०-२० का नियम उपयोग में लाएं, जिससे प्रति २० मिनट उपरांत लगभग २० फुट लंबाईवाली वस्तु की ओर २० सेकेंड तक देखें ।

‘नॉन स्टिक’ बर्तनों के कारण हो सकता है कर्करोग !- संशोधन का निष्कर्ष

तेल का अल्प प्रमाण में प्रयोग होने हेतु लोग ‘नॉन स्टिक’ बर्तनों का प्रयोग करते है; परंतु इस बर्तन में जो आवरण होता है, उससे भारी मात्रा में स्वास्थ्य की हानि होती है ।