कोरोना प्रतिबंधक वैक्सिन के कारण हुई मृत्यु के लिए केंद्र सरकार उत्तरदायी नहीं !

हमें मृत व्यक्ति और उसके परिवार के विषय में संपूर्ण सहानुभूति है; लेकिन वैक्सिनेशन के उपरांत व्यक्ति पर हुए किसी भी प्रतिकूल परिणाम के लिए हमें उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता, ऐसा प्रतिज्ञापत्र केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत किया ।

देशी मिठाई एवं नमकीन पदार्थों के पैकिंग पर ‘स्वास्थ्य के लिए हानिकारक’ का लेबल लगेगा !

मिठाई और नमकीन के व्यापारियों का कहना है कि भारत में मिठाई खाकर कोई भी संतुष्ट नहीं होता है । इसलिए डिब्बे पर इस प्रकार की चेतावनी लिखना अनुचित है । ऐसे नियमों से छोटे व्यापारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा तथा बडे व्यापारियों को लाभ होगा ।

सैनिटरी नैपकिन के प्रयोग से महिलाओं को हो सकते हैं ह्रदयविकार एवं कर्करोग !

केंद्र सरकार को भारत में सैनिटरी नैपकिन बनाने वाले सभी प्रतिष्ठानों की गहन जांच कर उनके विरुद्ध कडी कार्रवाई करनी चाहिए, साथ ही उनके उत्पादों को विनियमित करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करनी चाहिए !

आंखों की सुरक्षा के लिए निम्नांकित बातों पर ध्यान दें !

आंखों पर निरंतर आनेवाले तनाव को कम करने हेतु २०-२०-२० का नियम उपयोग में लाएं, जिससे प्रति २० मिनट उपरांत लगभग २० फुट लंबाईवाली वस्तु की ओर २० सेकेंड तक देखें ।

‘नॉन स्टिक’ बर्तनों के कारण हो सकता है कर्करोग !- संशोधन का निष्कर्ष

तेल का अल्प प्रमाण में प्रयोग होने हेतु लोग ‘नॉन स्टिक’ बर्तनों का प्रयोग करते है; परंतु इस बर्तन में जो आवरण होता है, उससे भारी मात्रा में स्वास्थ्य की हानि होती है ।

उत्तराखंड की भाजपा सरकार द्वारा पतंजलि की ५ औषधियों पर प्रतिबंध !

उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने योगऋषि रामदेवबाबा के पतंजलि समूह की ५ औषधियों पर प्रतिबंध लगाया है । ये औषधियां पतंजलि की ‘दिव्य फार्मसी’ में बनाई जाती हैं ।

वायु प्रदूषण से बढ रही है निराशा (डिप्रेशन) !

१०० वर्ष पूर्व प्रदूषण नाम का कोई अस्तित्व ही नहीं था; परंतु जैसे जैसे विज्ञान द्वारा कथित विकास हो रहे हैं, वैसे वैसे प्रदूषण बढ रहा है एवं पृथ्वी तथा पृथ्वी पर उपलब्ध सर्व प्रकार की संपदाओं पर उसका विनाशकारी परिणाम हो रहा है, यह सत्य कब स्वीकार होगा ?

#Ayurved : …बीमारियों का मूल तथा उसकी दैवी चिकित्सा

कोई भी बीमारी शरीर में विद्यमान वात, पित्त अथवा कफ के स्तर में आनेवाले परिवर्तन के कारण होती है । आयुर्वेद के अनुसार कैंसर से लेकर हृदयरोग तक तथा पक्षाघात से लेकर मधुमेह तक सभी रोगों का मूल यही है ।

#Ayurved : बीमारी के आध्यात्मिक कारण तथा दैवी चिकित्सा !

औषधियों के साथ आयुर्वेद ‘दैवी चिकित्सा’ भी बताता है । अधिकतर किसी भी शारीरिक बीमारी में कुछ स्तर पर आध्यात्मिक तथा कुछ स्तर पर मानसिक भाग होता है ।

#Ayurved : ‘बीमारियां न हों’; इसलिए आयुर्वेद द्वारा सुझाए गए उपचार !

प्रज्ञापराध (बुद्धि, स्थैर्य, स्मृति, इनसे दूर जाकर तथा उससे होनेवाली हानि ज्ञात होते हुए भी शारीरिक, वाचिक अथवा मानसिक स्तर पर पुनः-पुनः किया जानेवाला अनुचित कृत्य) होने न देना