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नई देहली – पैकिंग खाद्यपदार्थाें के लिए ‘भारतीय खाद्यपदार्थ संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण’ ने (एफ. एस. एस.ए.आइ.) नियम बनाए हैं । इससे शक्कर एवं नमक की मात्रा अधिक होने पर ऐसे खाद्य पदार्थाें को हानिकारक समझा जाएगा । खाद्यपदार्थाें के पैकेट पर इस प्रकार के लेबल लगाने की अनुशंसा की गई है । इस पर हरे एवं नीले रंग का एक गोल चिन्ह लगा रहेगा । इंदौर, मध्यप्रदेश के व्यापारियों ने इसका विरोध आरंभ किया है । मिठाई एवं नमकीन व्यापारियों ने इसके विरुद्ध प्राधिकरण को लिखा है । दावा है कि इससे देश की देसी मिठाई और नमकीन के व्यापार प्रभावित होंगे । देश में नमक उद्योग ७०० करोड रुपए से अधिक का है, जबकि मिठाई उद्योग ५०० करोड रुपए से अधिक का है ।
१. मिठाई और नमकीन के व्यापारियों का कहना है कि भारत में मिठाई खाकर कोई भी संतुष्ट नहीं होता है । इसलिए डिब्बे पर इस प्रकार की चेतावनी लिखना अनुचित है । ऐसे नियमों से छोटे व्यापारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा तथा बडे व्यापारियों को लाभ होगा ।
बडे प्रतिष्ठानों के दबाव में ऐसा निर्णय लिया गया है । विदेशी प्रतिष्ठान चाहते हैं कि स्थानीय व्यापारी उद्योग से बाहर निकल जाएं ।
२. मध्य प्रदेश मिठाई एवं नमकीन निर्माता संगठन के सचिव अनुराग बोथरा ने कहा कि भारत में विदेशी नियमों का अनुकरण (नकल) कर नियम बनाए जा रहे हैं । विदेशों की तुलना में भारत में खाद्य संस्कृति भिन्न है । भारत में मिठाई, अचार तथा नमकीन खाई जाती है । इनमें नमक और चीनी अधिक होती है । इसलिए कोई पेट भरकर नहीं खाता । अत: इसके लिए किसी प्रकार की चेतावनी की आवश्यकता नहीं है ।