देश में पुन: मास्क अनिवार्य करने की संभावना ! – केंद्र सरकार

चीन में कोरोना के प्रकोप का परिणाम !

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार

नई दिल्ली – चीन में कोरोना प्रकोप की भीषण व्याप्ति हुई है । अगले ३ मास में लाखों लोगों के प्राणोत्सर्ग होने की भविष्यवाणी की गई है । इस पृष्ठभूमि में विश्व भर में सतर्कता की चेतावनी प्रसारित की जा रही है । केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार ने एक पत्रकार परिषद में कहा कि देश में पुन: मास्क अनिवार्य किए जाने की संभावना है। चीन की परिस्थिति को देखते हुए भारत में पहले से ही निरोधक-सतर्कता उपाय लिए जा रहे हैं । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं ।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने पत्रकार परिषद में कहा कि देश में गत २ वर्षों में कोरोना से अनेक लोगों ने प्राण गंवाए हैं । देश में सारे कामकाज ठप्प हो गए थे । भारत में कोरोना पर नियंत्रण के प्राप्त करने के लिए वृहद् परिमाण पर कोरोना टीकाकरण किया गया है । भारत ने २२० करोड़ टीकाकरण का उद्देश पूर्ण कर लिया है । देखा जा रहा है कि चीन में पुन: कोरोना का प्रकोप हो रहा है । कोरोना के रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दूसरे देशों ने सावधानी के उपाय लेना प्रारंभ कर दिया है । शासन यह सुनिश्चित करेगा कि विदेश से आने वाले लोगों से भारत में संक्रमण न प्रसारित हो ।

कोरोना के ´ओमीक्रॉन बीएफ.७’ विषाणु का बढ़ता प्रभाव !

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना के ‘ओमिक्रॉन बीएफ.7’ वायरस के कारण चीन में रोगियों की संख्या तीव्र गति से बढ़ रही है । आगामी ३ मास में कोरोना की ३ लहरे आने का धोखा है।  इससे वहां के ८० करोड़ लोगों के संक्रमित होने की आशंका है ।

भारत में गत सप्ताह कोरोना से १२ लोगों ने प्राण गंवाए !

गत सप्ताह भारत में कोरोना के १ सहस्त्र १०३ नए रोगी मिले हैं, जबकि १२ लोगों की मृत्यु हुई है । गत ३ दिनों से किसी की मृत्यु की सूचना नहीं है ।

निर्देशों का निर्भय होकर पालन करें ! – अदर पूनावाला !

पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदर पूनावाला ने इस संबंध में ट्वीट किया है । उन्होंने कहा कि चीन में कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या के समाचार यद्यपि चिंताजनक हैं तदापि भारत में हुए उत्कृष्ट टीकाकरण अभियान और पिछले अनुभव को देखते हुए भयग्रस्त होने की आवश्यकता नहीं है । हमें भारत शासन और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों पर विश्वास कर, उनका पालन करना चाहिए ।