Freebies Distribution In Assembly Elections : १ हजार ७६० करोड़ रुपयों की दारू, नशीले पदार्थ तथा नकद धनराशि जब्त !

यह आंकडे इन राज्यों में वर्ष २०१८ में हुए विधानसभा के चुनाव में हुए जब्त की धनराशि की ७ गुणा है । विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में ऐसा वर्षों से होता आ रहा है, यह भारतीयों के लिए लज्जाजनक है !

सांसदों की नैतिकता पर प्रश्नचिह्न !

यदि प्रश्न पूछने के लिए भी पैसे लिए जाते हों, तो वैसा करनेवालों को नियम के अनुसार दण्ड मिलना ही चाहिए । यदि उन्हें दण्ड मिलेगा, तभी संसद, जिसे हम ‘लोकतंत्र का मंदिर’ कहते हैं, उसकी विश्वसनीयता अक्षुण्ण रहेगी ।

Corrupt Govt Depts : राज्य के सभी विभागों मे रिश्वतखोर भर्ती; पूरे वर्ष में ९८९ व्यक्तियों पर हुई कार्यवाही !

ऐसे भ्रष्टाचारियों की सारी सम्पत्ति जब्त कर जब उनकी समाज में ‘छीः थू’ होगी तभी भ्रष्टाचार को कुछ प्रमाण में नियंत्रित किया जा सकेगा ! 

Corruption : ‘ईडी’ के अधिकारी नवलकिशोर मीणा को १५ लाख रुपयों की घूस लेने के  प्रकरण में बंदी बनाया गया !

यदि भ्रष्टाचार को मिटाने का दायित्व रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी ही भ्रष्ट होंगे, तो भ्रष्टाचार कब घटेगा ? ‘ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होना आवश्यक है’, ऐसा ही सामान्य जनता को लगता है !

‘विवो’ के व्यवस्थापकीय संचालक सहित ४ लोगों को बंदी बनाया गया

घोटाला करने में पारंगत (एक्सपर्ट) माहिर चीनी कंपनियों को भारत में प्रतिबंधित कर उनकी सर्व संपत्ति नियंत्रित की जानी चाहिए !

देहली के ‘आप’ के विधायक अमानतुल्ला खान के घर पर प्रवर्तन निदेशालय का छापा

देहली भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (A.C.B.) द्वारा प्रविष्ट किए गए २ अपराधों की ईडी ने कार्यवाही की है । ये अपराध देहली वक्फ बोर्ड की नौकरियों की अनियमितता से संबंधित हैं ।

केंद्रीय एजेंसियों की ओर से बंगाल, तेलंगाना और तमिलनाडु में छापे ! 

बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार के मंत्री रथिन घोष के निवास स्थान पर तथा उनसे संबंधित अन्य १३ स्थानों पर यह छापे मारे गए ।

चीन से निधि लेने के आरोप में दिल्ली पुलिस की पत्रकारों के आवास सहित ३५ स्थानों पर छापेमारी !

यदि इन पत्रकारों ने चीन से पैसा लेकर भारत विरोधी काम किया है तो इन्हें मृत्युदंड मिलना  चाहिए!

मेरे चलचित्र के हिन्दी संस्करण के प्रमाणपत्र के लिए साढे छः लाख रुपए की घूस देनी पडी !

अब ऐसा प्रश्न उठ रहा है, ‘हिन्दुओं के देवताओं का अनादर करनेवाले चलचित्रों को इस मंडल द्वारा प्रमाणपत्र दिए जातें हैं एवं हिन्दुओं के विरोध करने पर उसकी प्रविष्टि भी नहीं की जाती, क्या उस समय भी इसी प्रकार घूस लेकर इन चलचित्रों को सम्मति दी जाती है ?’ !