७७ सहस्र एकड से अधिक भूमि के स्वामित्ववाले वक्फ बोर्ड का कार्य पारदर्शी नहीं है !
कामकाज को जालस्थल पर प्रकाशित करने के लिए अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर का महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र !
कामकाज को जालस्थल पर प्रकाशित करने के लिए अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर का महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र !
हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता को कारागृह में डाले जाने पर उसके परिवार को अनेक संघर्षाें का सामना करना पडता है । उनके बच्चों के भविष्य का विचार नहीं किया जाता, उसके कारण उसके परिवार को आवश्यक सहायता नहीं मिलती ।
‘प्रसिद्धि और पैसे मिलेंगे, इसलिए हिन्दू धर्म और धर्माभिमानियों की निंदा करो’ ऐसे षड्यंत्र आजकल बडी संख्या में बढ गए हैं । ‘माध्यमों के द्वारा होनेवाली अपकीर्ति को अनदेखा करना’, ऐसी भूमिका कुछ संगठनों की है । इसलिए ऐसे प्रसारमाध्यम अधिक फलते हैं; परंतु सनातन संस्था ने प्रारंभ से ही ऐसे माध्यमों के विरोध में कानूनी लडाई लडने की भूमिका निभाई है ।
प्राचीन काल में अंकोर वाट, हम्पी, आदि भव्य मंदिरों का निर्माण करनेवाले राजा-महाराजाओं ने उनका उत्तम व्यवस्थापन किया था । इन मंदिरों के माध्यम से गोशालाओं, अन्नछत्रों, धर्मशालाओं, शिक्षाकेंद्रों आदि चलाकर समाज की अमूल्य सहायता की जाती थी ।
कई बार ऐसा दिखाई देता है कि मुसलमान से प्रेम करनेवाली हिन्दू महिला पहले अपना धर्म बदलती है । किसी मौलवी के पास ले जाकर उसका धर्मांतरण किया जाता है । उससे कोई सत्य प्रतिज्ञापत्र लिया जाता है, जिस पर लिखा होता है, ‘मैं अपनी इच्छा से धर्म बदल रही हूं और मेरे माता-पिता के पास जाने की मेरी इच्छा नहीं है ।
देश में संगठित अपराधों के विरोध में कठोर कानून हैं; परंतु चिकित्सा क्षेत्र में स्थित संगठित लूटमार के विरोध में कोई कानून नहीं है । आज की स्थिति यह है कि ‘कट प्रैक्टिस’ करनेवालों के लिए कोई दंड नहीं है ।
हिन्दू राष्ट्ररक्षा और धर्मरक्षा के लिए उल्लेखनीय कार्य करनेवाले हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्र्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर को ‘संविधान के रक्षक’ पुरस्कार मिलने पर हिन्दू जनजागृति समिति उनका हार्दिक अभिनंदन कर रही है ।