हेती देश में आए भूकंप में ३०४ लोगों की मृत्यु

साथ ही १ सहस्र ८०० लोग घायल हो गए हैं । भूकंप के कारण ८६० घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, ७०० घरों की हानि हो गई है ।

इतिहास प्रेमियों, देश प्रेमियों एवं धर्म प्रेमियों द्वारा प्रविष्ट टिप्पणियों के पश्चात गूगल ने अनुचित संदर्भ हटा दिया !

इतिहास प्रेमियों, देश प्रेमियों एवं धर्म प्रेमियों द्वारा प्रविष्ट टिप्पणियों के पश्चात गूगल ने महाराणा प्रताप से संबंधित असत्य इतिहास का संदर्भ हटा दिया है ।

केरल के साइरो मलबार चर्च ने ५ अथवा उससे अधिक संतानोंवाले ईसाई दंपतियों को दी आर्थिक सुविधाएं !

 तिरुवनंतपुरम् के साइरो मलबार चर्च ने ५ अथवा उससे अधिक संतानोंवाले ईसाई दंपतियों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है ।

पंजाब में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा मंदिर एवं मूर्तियों की तोडफोड !

भवानीगढ (पंजाब) के घनवडा गांव का नीलकंठ महादेव मंदिर एवं भगवान शिव तथा हनुमानजी की मूर्तियों की तोडफोड की गई ।

चिपळूण के बाढपीडितों के लिए हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन संस्था एवं स्थानीय संस्थाओं-संगठनों की ओर से ‘सहायता अभियान’ !

सामाजिक जुडाव की दृष्टि से बाढपीडितों को सहायता मिले; इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन संस्था एवं स्थानीय संस्थाओं-संगठनों की ओर से चिपळूण के बाढपीडितों में खाद्यान्न एवं जीवनोपयोगी वस्तुओं का वितरण किया जा रहा है ।

गुरुपूर्णिमा के शुभ दिन पर लोकार्पण हुए सनातन के ग्रंथ एवं प्रथम ‘ई-बुक’ !

सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सवों में सनातन के संतों के करकमलों द्वारा ‘व्यष्टि एवं समष्टि साधना, आध्यात्मिक कष्ट एवं आपातकाल के विषय में उपाय’ इन विषयों पर आधारित हिन्दी, कन्नड और अंग्रेजी भाषा के ग्रंथों का लोकार्पण किया गया ।

जो साधना के रूप में लेखन करते हैं, उनसे ही गुरु लेखन-कार्य करवाते हैं ! – वैज्ञानिक एवं लेखक डॉ. मोहन बांडे

प्रत्येक साधक के जीवन में गुरु विविध माध्यम से आते हैं । सभी संत भले ही अलग-अलग दिखाई दें, तब भी वे अंदर से एक ही होते हैं । किससे कौनसी साधना करवानी है, यह उन्हें पता होता है ।

कांदळी (पुणे) में प.पू. भक्तराज महाराजजी के समाधिस्थल पर गुरुपूर्णिमा महोत्सव भावपूर्ण वातावरण में संपन्न !

सनातन संस्था के श्रद्धाकेंद्र प.पू. भक्तराज महाराजजी के कांदळी के समाधिस्थल पर २३ जुलाई को कोरोना के सर्व नियमों का पालन कर गुरुपूर्णिमा महोत्सव भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया ।

भारत सहित १२ देशों की ओर से अफगानिस्तान में तालिबान को ‘राज्यकर्ता’ कहकर मान्यता देने का विरोध

केवल बारह देश क्यों ? विश्व के सभी देशों को तालिबान का विरोध कर उसका शासन होने पर अफगानिस्तान का बहिष्कार करना चाहिए !

(कहते हैं) ‘भारत तय करे कि वो तालिबान को मित्र मानता है या शत्रु ?’ – तालिबान

एक छोटे से देश का आतंकवादी संघठन भारत के संदर्भ में ऐसी उजड्ड भाषा का प्रयोग करता है और भारत इस प्रकार के विधान को पचा लेता है, यह लज्जास्पद है! तालिबान को सबक सिखाने के लिए भारत सरकार कौन से कदम उठाएगी ?