अनुच्छेद ३७० हटने के उपरांत, पिछले दो वर्षों में राज्य के बाहर के लोगों ने केवल ७ भूखंड क्रय किए !

इससे स्पष्ट है, कि अनुच्छेद ३७० के निरस्त होने और सुरक्षा बलों द्वारा प्रतिदिन जिहादी आतंकवादियों को मारने के बाद भी, लोगों में यह भावना है कि, ‘कश्मीर अभी भी भारतीयों के रहने के लिए सुरक्षित नहीं है ।’ देशभक्तों को लगता है, कि सरकार को इस पर विचार करना चाहिए !

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा से लखीमपुर खीरी हिंसा के संबंध में प्रश्न पूछे जाने पर, उन्होंने पत्रकार का कॉलर पकड कर की गाली गलौज !

जिन पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने का दायित्व है, वही इस प्रकार का कानून-विरोधी कृत्य कर रहे हो, तो साधारण जनता किसकी ओर देखेगी ?

एक ओर सांसद निधि बंद होते हुए भी केंद्र सरकार ने स्वयं की प्रसिद्धि के लिए खर्च किए १ सहस्र ६९८ करोड रुपए ! – सांसद श्रीकांत शिंदे की लोकसभा में टिप्पणी

डॉ. श्रीकांत शिंदे ने आगे कहा कि, वर्ष २०१७ में केंद्र सरकार ने ‘वर्ष २०२२ तक देश में डेढ लाख स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे’, ऐसी घोषणा की थी; परंतु ४ वर्षों बाद भी लगभग ५५ प्रतिशत अर्थात ८० सहस्र स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं ।

जम्मू कश्मीर में पिछले ३१ वर्षों में केवल १ सहस्र ७२४ लोगों की हत्या ! – जानकारी के अधिकार में श्रीनगर पुलिस द्वारा दी जानकारी

इस जानकारी पर भारत का एक भी हिन्दू विश्वास कर सकता है क्या ? इस प्रकार की जानकारी देकर श्रीनगर पुलिस आतंकवादियों के अत्याचारों को छुपाने का प्रयास कर रही है क्या ? ऐसा प्रश्न सामने आता है !

उत्तराखंड सरकार द्वारा अंतत: चारधाम सहित ५१ मंदिरों का सरकारीकरण निरस्त !

अब पूरे देश में सरकारीकरण किए गए मंदिरों के विरोध में सभी पुजारी, धार्मिक संगठन और हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को एकत्रित होकर आंदोलन करना चाहिए तथा देश के प्रत्येक मंदिर को सरकारीकरण से मुक्त करना चाहिए !

एनसीईआरटी ने विद्यालयीन पाठ्यपुस्तकों में राष्ट्रीय पुरुषों के चरित्र का भारी मात्रा में विकृतीकरण किया !

विविध माध्यमों द्वारा एनसीईआरटी द्वारा शिक्षा का विकृतीकरण अनेक बार उजागर होते हुए भी उसे विसर्जित क्यों नहीं किया गया ?

बिहार में सभी सार्वजनिक मंदिरों को ४ प्रतिशत कर देना होगा !

पाकिस्तान, बांग्लादेश इत्यादि देशों में भी जो नियम नहीं, वह जनता दल (संयुक्त) और भाजपा की सत्तावाले बिहार में लागू होना लज्जाजनक !

पाकिस्तान में, ईशनिंदा के आरोप में श्रीलंकाई नागरिक को जीवित जलाया गया !

पाकिस्तान में कानून एवं व्यवस्था का अस्तित्व ही नहीं है, यही यह घटना स्पष्ट करती है ! क्या भारत में तथाकथित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रतावाले, श्रीलंकाई नागरिक के पक्ष में खडे होंगे ? क्या वे न्यूनतम धर्मांधों के इस कृत्य का विरोध करेंगे ?

असम में हमने लगभग ७०० मदरसे बंद किए ! – असम के मुख्यमंत्री हिम्मत बिस्व सरमा

मुसलमानों को मदरसों में न जाकर डॉक्टर एवं अभियंता बनकर समाज की सहायता करनी चाहिए । मुसलमानों के हित के लिए ही मदरसे बंद किए हैं, ऐसा विधान असम के मुख्यमंत्री हिम्मत बिस्व सरमा ने एक समाचार वाहिनी के कार्यक्रम में किया ।