कोटा (राजस्थान) में काँग्रेस सरकार द्वारा ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ नामक जिहादी संगठन की फेरी को अनुमति !
हिन्दुओ, ध्यान रखो ! कांग्रेस हिन्दुओं एवं उनकी संगठनों को ‘भगवा आतंकवादी’ कहती है; परंतु जिहादी संगठनों को सिर पर बिठाती है !
हिन्दुओ, ध्यान रखो ! कांग्रेस हिन्दुओं एवं उनकी संगठनों को ‘भगवा आतंकवादी’ कहती है; परंतु जिहादी संगठनों को सिर पर बिठाती है !
हिजाब केवल मदरसों तक ही मर्यादित रखना चाहिए । विद्यालय-महाविद्यालयों के नियम तोडे जाना सहन नहीं किया जाएगा, ऐसा विधान भाजपा की सांसद साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर ने किया ।
गोवंश की तस्करी करनेवाले कल तक गोरक्षक और पुलिस पर आक्रमण करते थे, अब वे सैनिकों पर भी आक्रमण करने का साहस कर रहे हैं । यह देखते हुए ऐसे लोगों को फांसी का ही दंड देने का कानून बनाना आवश्यक है !
मथुरा के श्रीजी शिवाशा एस्टेट के मंदिर परिसर में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ चारुदत्त पिंगळेजी ने ‘आनन्दमय जीवन हेतु साधना’ विषय पर मार्गदर्शन किया ।
सनातन पंचांग देखकर संत श्री गोविंदाचार्यजी ने कहा, ‘‘यह पंचांग बहुत ही अच्छा है । इसमें बहुत सारी अच्छी जानकारी दी गई है ।’’ उन्होंने सनातन संस्था के साधकों को रमणरेती आश्रम में भी आने का निमंत्रण दिया ।
पूरे विश्व में सर्वाधिक युवाशक्ति भारत में है । किंतु कई वर्षों से १४ फरवरी ‘वेलेंटाइन डे’ के रूप मे मनाने की पाश्चात्यों की कुप्रथा भारत में भी प्रचलित हो गई है । व्यावसायिक लाभ के लिए प्रेम के नाम पर पाश्चात्यों की इस विकृत संकल्पना के कारण युवा पीढी भोगवाद और अनैतिकता की गर्त में जा रही है ।
‘हरियालो राजस्थान’ संगठन के पाली जिला प्रमुख श्री. वासुदेव सांखलाजी ने बताया कि ‘‘समिति को पिछले १५-२० वर्ष से देख रहा हूं । समाज में जब भी प्रबोधन की आवश्यकता होती है, समिति आगे होकर बहुत अच्छे से इस कार्य को करती है । राष्ट्र और धर्म के लिए ऐसे निरपेक्ष कार्य करने की आज नितांत आवश्यकता है ।’’
प्रवचन के आरंभ में संस्था के कार्य और संस्थापक के विषय में जानकारी दी गई । बसंत पंचमी के दिन को माता सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाने का महत्त्व व उनकी उत्पत्ति कैसे हुई, इसकी कथा सुनाई गई ।
हिन्दू धर्म के अनुयायी, दुनिया में कहीं भी हों, बिना किसी शर्त दूसरों की सहायता करते हैं ; किन्तु, ईसाई मिशनरी, सहायता के नाम पर, हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करते हैं ! भारत में धर्मनिरपेक्षतावादी जिस दिन यह समझेंगे, वह सुदिन होगा !
बसवराज यत्नाळ ने हर्ष के घर जाकर की उनके परिजनों से भेंट !