हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए युवकों को प्रेरित करें ! – प्रकाश सिरवानी, पश्चिम विदर्भ संपर्कप्रमुख, भारतीय सिंधु सभा
हिन्दुओं को अपने धर्मग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए । धर्मग्रंथों का अध्ययन करने से हिन्दुओं का धर्मांतरण नहीं होगा
हिन्दुओं को अपने धर्मग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए । धर्मग्रंथों का अध्ययन करने से हिन्दुओं का धर्मांतरण नहीं होगा
मुगलों एवं अंग्रेजों के आक्रमण के उपरांत भी हमारे पूर्वजों ने हिन्दू धर्म नहीं छोडा, इस पर हमें गर्व होना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन नवसारी (गुजरात) के ‘अग्निवीर’ संगठन के श्री. महेंद्र राजपुरोहित ने किया ।
इस समय उपस्थित सभी हिन्दुत्वनिष्ठों ने ‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’, ‘छत्रपती शिवाजी महाराज की जय’ का जयघोष कर आनंद व्यक्त किया ।
अपनी लडकियों को छत्रपति शिवाजी महाराज तथा महाराणा प्रताप के जीवन, वैसे ही छत्रपति संभाजी महाराज, रानी लक्ष्मीबाई, रानी पद्मावती ने धर्म के लिए किया गौरवपूर्ण त्याग बताना होगा । हिन्दू युवतियों तक हमारे देश का गौरवशाली इतिहार पहुंचाना होगा, तो लव जिहाद का केवल विरोध ही नहीं, तो प्रतिकार भी होगा ।
हमारी पीढी को विशेषरूप से शहरी पीढी को धर्मशिक्षा नहीं दी गई, यह हमारा दुर्भाग्य है; परंतु यू-ट्यूब वाहिनी (चैनल) ‘संगम टॉक्स’ के माध्यम से हम युवकों के लिए हिन्दुत्व के विषय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं । हम इस माध्यम से युवकों को हिन्दू धर्मकार्य की ओर आकर्षित कर रहे हैं ।
नरवीर तानाजी मालुसरे के १३ वें वंशज सुबेदार श्री. कुणाल मालुसरे का सम्मान हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने किया ।
मठों-मंदिरों में अनेक साधु-संत हैं; परंतु वहां आनेवाले हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा नहीं दी जाती । उसके कारण धर्मांतरण की समस्या और अधिक फैल गई है । हिन्दू धर्म बच गया, तभी जाकर मठ-मंदिर टिके रहेंगे; इसलिए पहले हिन्दू धर्म को बचाने का प्रयास कीजिए ।
महाराष्ट्र के शौर्य के प्रतीत गढ-किलों पर किए गए अतिक्रमण तो लैंड जिहाद है । गढ-किलों के कारण हमें छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मरण होता है । आज की स्थिति में वहां बनाए गए मस्जिदों, मजारों एवं कब्रों के कारण ‘क्या ये गढ किले मुगलों के हैं ?’
कुछ दिन पूर्व बालासोर में भीषण रेल दुर्घटना होकर उसमें ३०० से अधिक यात्रियों की मृत्यु हई । ३१ मार्च को देहली के शाहीनबाग का एक धर्मांध केरल गया तथा उसने वहां अलपुजा-कन्नूर एक्सप्रेस में पेट्रोल डालकर यात्रियों को जला दिया, जिसमें ३ यात्रियों की मृत्यु हुई तथा ९ लोग गंभीररूप से घायल हुए ।
श्री. रवींद्र पाटील ने कहा, ‘‘यहां हिन्दुत्व के अधिवेशन में होने के स्थान पर मैं संतों एवं महापुरुषों के मध्य हूं’, ऐसा मुझे लग रहा है । यहां सेवा कर रहे सभी के मुख पर कितना तेज है ! सभी के आचरण में कितनी विनम्रता है ।