रामनाथ देवस्थान – कुछ दिन पूर्व बालासोर में भीषण रेल दुर्घटना होकर उसमें ३०० से अधिक यात्रियों की मृत्यु हई । ३१ मार्च को देहली के शाहीनबाग का एक धर्मांध केरल गया तथा उसने वहां अलपुजा-कन्नूर एक्सप्रेस में पेट्रोल डालकर यात्रियों को जला दिया, जिसमें ३ यात्रियों की मृत्यु हुई तथा ९ लोग गंभीररूप से घायल हुए । उसके २ माह उपरांत एक समाजद्रोही ने एक खाली बोगी में आग लगा दी । उसकी बाजू में ही भारत पेट्रोलियम का गोदाम था । उस समय बडी दुर्घटना से हम बाल-बाल बच गए । यह ‘गजवा-ए-हिन्द’ है । इसी को ‘जिहाद’ कहते हैं, ऐसा प्रतिपादन रक्षा विशेषज्ञ आर्.एस्.एन्. सिंह ने किया । वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के पांचवें दिन (२०.६.२०२३ को) उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।
इस अवसर पर व्यारसपीठ पर पंचकुला (हरियाणा) की ‘विवेकानंद कार्य समिति’के अध्यक्ष श्री. नीरज अत्री, भुवनेश्वर (ओडिशा) के ‘इंडियन नैशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज’ के संयोजक अनिल धीर, हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य समन्वयक श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी, ‘सत्यमेव जयते’ संगठन के अध्यक्ष डॉ. सत्यमेव जयते लोक मंगल एवं मध्यप्रदेश की ‘हिन्दू सेवा परिषद’ के संस्थापक तथा प्रदेशाध्यक्ष श्री. अतुल जेसवानी ये मान्यवर उपस्थित थे ।
‘रेल जिहाद : आतंकवाद का नया रूप’ विषय पर बोलते हुए आर्.एस्.एन्. सिंह ने कहा कि देहली के शाहीनबाग में केरल से ‘पी.एफ्.आई.’ के कुछ लोग गए हुए थे, तो दूसरा आरोपी अलपुजा-कन्नूर एक्सप्रेस में हत्या करने के उद्देश्य से शाहीनबाग से केरल गया था । पुलिस जांच में आरोपी को स्थानीय स्तर से सहायता मिलने की बात कही गई है । केरल में जिहाद का ‘इको सिस्टम’ कार्यरत है । कुछ दिन पूर्व अहमदाबाद में बंगाल का एक जिहादी पकडा गया । बंगलुरू में डाका डाले जाने के प्रकरण में ४ जिहादियों को दंड मिला । उन्हें जिहाद के लिए पैसे इकट्ठा करने के लिए कहा गया था; इसलिए उन्होंने यह डाका डाला, यह स्पष्ट हुआ । इसी प्रकार से और तीन आरोपी दंडित हुए । इसी को ‘गजवा-ए-हिन्द’ कहा जाता है । जब से भारत में ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ रेलगाडी आरंभ हुई, तब से उस गाडी पर देश के विभिन्न स्थानों पर पथराव किया गया । ओडिशा का बालासोर एक अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है । उसके कारण ही रेल दुर्घटना कराने के लिए यह स्थान चुना गया होगा, ऐसा लगता है । सभी जिहादों की जडें एक-दूसरे के साथ जुडी हुई है, जिसकी कोई सीमा नहीं है ।