विद्याधिराज सभागृह, २१ जून (संवाददाता) – महाराष्ट्र के शौर्य के प्रतीत गढ-किलों पर किए गए अतिक्रमण तो लैंड जिहाद है । गढ-किलों के कारण हमें छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मरण होता है । आज की स्थिति में वहां बनाए गए मस्जिदों, मजारों एवं कब्रों के कारण ‘क्या ये गढ किले मुगलों के हैं ?’, ऐसा लगता है । पुरातत्व विभाग ने इसकी अनदेखी की है । यह महाराष्ट्रसहित भारत के सभी गढ-किलों के संदर्भ में दिखाई देता है । ठाणे के दुर्गाडी किले पर श्री दुर्गादेवी का मंदिर मस्जिद होने का दावा करना, रायगढ के कुलाबा किले पर पुरातत्व कार्यालय के पास बनाई गई मजार (मुसलमानों की कब्र) मुंबई का शिवडीगढ, रायगढ, सातारा का वंदनगढ, जलगांव का पेशवाकालिन पारोळा किला आदि किलों पर किए गए इस्लामी अतिक्रमण हिन्दुओं में बंसे सेक्यूलैरिजम का दुष्परिणाम है, ऐसा वक्तव्य हिन्दू जनजागृति समिति के युवा संघटक श्री. हर्षद खानविलकर ने किया । वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में छठे दिन के सत्र में वे ऐसा बोल रहे थे ।
उन्होंने आगे कहा कि ..
१. हिन्दू जनजागृति समिति एवं हिन्दुत्वनिष्ठों ने इसके विरुद्ध आवाज उठाई । प्रतापगढ पर अफजलखान की कब्र के इर्द-गिद बनाई गए बडी वास्तु हटाने के लिए अनेक हिन्दू संगठनों ने लंबे समयतक संघर्ष किया तथा अंततः १० नवंबर २०२२ अर्थात शिवप्रतापदिवस के दिन वहां का अवैध निर्माण ध्वस्त किया गया ।
२. कोल्हापुर के निकट विशालगढ के निकट की बाजीप्रभु देशपांडे एवं फुलाजीप्रभु देशपांडे की समाधियां उपेक्षित, तो रेहमानबाबा के दर्गाह के लिए सरकार ने ५ लाख रुपए दिए । ‘विशालगढ रक्षा एवं अतिक्रमणविरोधी क्रियान्वयन समिति’ के द्वारा इसके विरुद्ध अभियान आरंभ किया गया है । जबतक यह दर्गाह नहीं हटती, तबतक संघर्ष जारी रहेगा ।
३. गढ-किलों पर हो रहे इस्लामी अतिक्रमण रोकने के लिए मार्च २०२३ में ‘महाराष्ट्र गढ-किले संवर्धन मोर्चा’ निकालकर गढ-किले संवर्धन समिति गठित करने की मांग की । उसमें १ सहस्र ५०० शिवप्रेमी एवं हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे । इस अवसर पर पर्यटनमंत्री मंगलप्रभात लोढा ने उपस्थित रहकर इस संदर्भ में बैठक बुलाने का तथा अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया ।
४. गढ-किलों की रक्षा की यह लडाई स्वाभिमान एवं इतिहास की रक्षा की लडाई है । छत्रपति शिवाजी महाराज का शौर्य एवं पराक्रम अगली पीढियों को सिखाने के लिए इन गढ-किलों की रक्षा होना आवश्यक है । गढ-किलों से तो केवल ‘हर हर महादेव’ का नारा गूंजना चाहिए तथा वहां पुनः भगवा लहराना चाहिए । इसके लिए हमें संघर्ष जारी रखना पडेगा ।