काम पर रहते समय दाढी बढा़ने की मांग करने वाले मुसलमान पुलिस की याचिका उच्च न्यायालय ने नकार दी।

आमतौर पर भारत को धर्मनिरपेक्ष देश कहने वाले, हिन्दुओं का विरोध करने वाले निधर्मी और आधुनिकतावादी ऐसे पुलिस के विरोध में क्यों नहीं बोलते ?

ज्ञानवापी मस्जिद में दी जाए पूजा की अनुमति ! – दीवानी न्यायालय में ५ महिलाओं ने प्रविष्ट की याचिका

यह गर्व की बात है कि ५ हिन्दू महिलाओं ने ऐसी मांग करने का साहस दिखाया । भारत में जन्में हिन्दुओं को इससे सीख लेनी चाहिए !

‘पिंजरे के तोते’ (सी.बी.आई.) को बेडि़यों से मुक्त करें ! – मद्रास उच्च न्यायालय की ओर से केंद्र सरकार को आदेश

मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच विभाग को अर्थात सी.बी.आई. को ‘पिंजरे का तोता’ कहते हुए ‘इस तोते’ को (सी.बी.आई.को) केंद्र सरकार को उसकी बेडि़यों से मुक्त करना चाहिए’, ऐसा आदेश दिया है ।

यदि जासूसी वैधानिक पद्धति से की गई हो, तो इसकी अनुमति देने वाला विभाग शपथ-पत्र प्रविष्ट करें ! – उच्चतम न्यायालय

पेगासस जासूसी का प्रकरण !

सुनंदा पुष्कर हत्याकांड : उनके पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर निर्दोष मुक्त !

सुनंदा पुष्कर के पति और कांग्रेस सांसद शशि थरूर को सुनंदा की मृत्यु के प्रकरण में, यहां के एक विशेष न्यायालय ने निर्दोष मुक्त किया है ।

१० वर्ष से कम आयु की कन्याएं अपने पिता के साथ सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए जा सकती हैं ! – केरल उच्च न्यायालय

१० से ५० वर्ष आयु की युवतियों एवं महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है । न्यायालय द्वारा प्रतिबंध हटाए जाने के उपरांत  इस निर्णय को चुनौती दी गई है ।

राजस्थान के महिला आयोग में रिक्तियों की नियुक्ति के लिए न्यायालय ने राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया !

लश्कर-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ईश्वर प्रसाद खंडेलवाल की याचिका का परिणाम !
महिला आयोग का लगभग ३ वर्षों से कोई अध्यक्ष ही नहीं है !

जहां अविवाहित युवतियां केवल मनोरंजन के लिए यौन संबंध रखती हैं, उस स्तर तक भारतीय समाज नहीं पहुंचा है  ! – मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय

भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो ; इसलिए, शासकों को समाज को साधना सिखा कर उनमें संयम एवं नैतिकता निर्माण करनी चाहिए !

बलात्कार के प्रकरणों में आरोपियों को दी जानेवाली प्रतिभू (जमानत), न्यायाधीशों द्वारा पीडिताओं पर की गई अनुचित टिप्पणियां और सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय !

उत्तर प्रदेश में २९ फरवरी २०२० को एक अवयस्क (नाबालिग) युवती पर बलात्कार करने के प्रकरण में वासनांध कामिल को बंदी बनाया गया । उस पर भा.दं.वि. की धारा ३७६ और ‘पॉक्सो’ कानून के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट कर अभियोग चलाया गया ।

मद्रास उच्च न्यायालय ने मंदिरों में मुख्य पुजारियों की नियुक्ति का प्रकरण ‘यथावत’ रखने का आदेश दिया  !

ध्यान रखें, जब मंदिरों का सरकारीकरण हो जाता है, तब किसी को भी मंदिर का पुजारी एवं सेवक नियुक्त कर, सरकार हिन्दू परंपराओं का हनन करती है !