यदि जासूसी वैधानिक पद्धति से की गई हो, तो इसकी अनुमति देने वाला विभाग शपथ-पत्र प्रविष्ट करें ! – उच्चतम न्यायालय

पेगासस जासूसी का प्रकरण !

नई दिल्ली – हम आपसे (केंद्र सरकार से) संवेदनशील एवं गोपनीय जानकारी नहीं मांग रहे हैं । जो आप बता नहीं सकते हैं, वह बताने के लिए हम केंद्र सरकार को बाध्य नहीं कर रहे हैं । हम केवल लोगों की गोपनीयता का उल्लंघन तथा जासूसी की वैधता, इन पहलुओं पर नोटिस जारी करना चाहते हैं । यदि जासूसी वैधानिक पद्धति रूप से की गई हो, तो इसकी अनुमति देने वाले विभाग को शपथ-पत्र प्रस्तुत करना चाहिए । ‘क्या इस प्रकरण में एक नया अतिरिक्त शपथ-पत्र प्रविष्ट करना है अथवा नहीं ? यह हमें केंद्र सरकार बताएं’, ऐसा सर्वोच्च न्यायालय ने ‘पेगासस’ नामक कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के माध्यम से की गई जासूसी के प्रकरण में प्रविष्ट याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है । न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि, ‘हम केंद्र सरकार के उत्तर के पश्चात ही समिति गठित करने के संबंध में विचार करेंगे ।’ न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर, एक सप्ताह में उत्तर देने के लिए कहा है ।