अमृतपाल सिंह ने खालिस्तान के लिए स्वतंत्र आर्थिक मुद्रा (करेंसी) एवं सेना खडी करने का रचा था षड्यंत्र !
‘इतना सब हो गया, तबतक भारत का सुरक्षा तंत्र क्या कर रहा था ?’ सामान्य जनता के मन में ऐसा प्रश्न उपस्थित होना स्वाभाविक है !
‘इतना सब हो गया, तबतक भारत का सुरक्षा तंत्र क्या कर रहा था ?’ सामान्य जनता के मन में ऐसा प्रश्न उपस्थित होना स्वाभाविक है !
फ्रान्सिस्कोस्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानवादियों के आक्रमण की अमेरिका ने निंदा की थी ।
अमृतपाल सिंह युवकों को आत्मघाती आक्रमण के लिए तैयार कर रहा था ।
खलिस्तानी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने जालंधर के नकोदरा भाग में पकड लिया है, यह समाचार १८ मार्च को सभी समाचार माध्यमों से प्रसारित हुआ था; परंतु इसकी पुष्टि पुलिस ने नहीं की थी और इनकार भी नहीं किया था ।
सरकार को लोकतंत्र में रहनेवालों तथा अपनी बात को प्रस्तुत करनेवालों को असंवैधानिक पद्धति से बंदी बनाने से स्वयं का रोकना चाहिए; क्योंकि पंजाब ने इसके पहले बहुत कुछ सहा है । ऐसा आवाहन श्री अकालतख्त साहिब के जत्थेदार (प्रमुख) ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने किया है
19 मार्च के दिन खालिस्तान के लिए ‘जनमत संग्रह 2020’ ( सिखों के लिए स्वतंत्र देश बनाए जाने के लिए मतदान) नाम से मतदान करवाया गया; इसमें केवल १०० सिखों द्वारा ही मतदान किए जाने की बात सामने आई है ।
खालिस्तानियों के राष्ट्र विरोधी आंदोलन को कुचलने का समय आ गया है, सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए !
खलिस्तानवादी वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह के माध्यम से पंजाब में हिंसाचार फैलाने का षडयंत्र अन्य खालिस्तानवादी संगठनों ने रची है, यह जानकारी गुप्तचर संस्थाओं ने दी है । इस विषय में राज्य और केंद्र सरकार को सतर्क रहने का आदेश दिया गया है ।
ब्रिटेन को न केवल आतंकवादी संगठनों से धोखा है, बल्कि उन लोगों से भी है जो वास्तविक हिंसक कृत्यों में लिप्त नहीं होते किन्तु अन्य लोगों को आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के लिए प्रेरित करते हैं, एक ब्रिटिश सरकार समिति ने यह निष्कर्ष निकाला है ।
भारत के विदेशमंत्री डॉ. एस्. जयशंकर आजकल ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर हैं । उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एल्बनीज से भेंट की, साथ ही ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री पेनी वाँग से भी भेंट कर उनके साथ बातचीत की ।