Pro-Khalistan slogans : कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के सामने खलिस्तान के समर्थन में नारे !
भारत को जड से नष्ट करने की इच्छा रखनेवाले खलिस्तानवादियों के साथ उनके समर्थक ट्रुडो को भी भारत सरकार को वे समझेंगे, ऐसी भाषा में उत्तर देना चाहिए !
भारत को जड से नष्ट करने की इच्छा रखनेवाले खलिस्तानवादियों के साथ उनके समर्थक ट्रुडो को भी भारत सरकार को वे समझेंगे, ऐसी भाषा में उत्तर देना चाहिए !
खालिस्तान की मांग करनेवाले, भारत, साथ ही कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के सिक्ख अब चुप क्यों हैं ? अथवा उन्हें यह स्वीकार है ?
अमेरिका में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुरक्षित है। हम अपने कानूनों के अनुसार ही किसी भी आरोपी को दूसरे देश में प्रत्यर्पित करते हैं।
सरकार को ऐसे देशद्रोहियों पर शीघ्र गति न्यायालय में मुकदमा चलाकर मृत्यु दंड दिलवाने का प्रयास करना चाहिए !
उसका नाम सिमरनजीत सिंह है और दक्षिण सरे में उसके घर पर गोळीबारी की गई । इसमें कोई भी घायल नहीं हुआ, ऐसा पुलिस ने बताया है ।
यहां के पाहुविंद गांव में दीप सिंह जन्मस्थान गुरुद्वारा में २८ जनवरी को बाबा दीप सिंह की जयंती के अवसर पर एक उत्सव का आयोजन किया गया था । इस समय कुछ सिक्ख युवकों ने खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का छायाचित्र लगाया था ।
कनाडा और अमेरिका एक ही माले के मोती हैं । दोनों ही खालिस्तानी आतंकवादियों का समर्थन कर भारत को ही आरोपी के रूप में दिखा रहे हैं । इन दोनों को भारत द्वारा जैसे को तैसा प्रतिउत्तर दिया जाना चाहिए !
पूर्व में ही भारत ने इस हत्या के संदर्भ में स्पष्ट किया है कि यदि कनाडा भारत पर लगाए गए आरोपों के प्रमाण देता है, तो भारत उस दृष्टि से कार्रवाई कर सकेगा; परंतु कनाडा ने भारत को अभी तक कोई प्रमाण दिए नहीं हैं ।
४ दशक पूर्व ५ लाख सिक्ख थे | जब किसी देश में मुसलमान बहुसंख्यक हो जाते हैं तो क्या होता है, अफगानिस्तान इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है !
इस घटना से पता चलता है कि दूसरों को निशुल्क सुझाव देने वाली अमेरिकी सुरक्षा व्यवस्था कितनी खोखली है । इसके लिए भारत सरकार को अमेरिकी सरकार से उत्तर मांगना आवश्यक !