प्रयागराज में कुंभपर्व के समय की साधना का मिलता है १ सहस्र गुना फल ! इस अवधि में धर्मप्रसार की सेवा (समष्टि साधना) में सम्मिलित हों !

कुंभपर्व के स्थान और काल में की गई साधना का फल अन्य स्थान-काल की तुलना में १ सहस्र गुना मिलता है । इस पर्व के समय प्रयागराज में कुंभक्षेत्र पर धर्मप्रसार एवं हिन्दू राष्ट्र-जागृति अभियान व्यापक स्तर पर किया जाएगा ।

हस्तरेखा विशेषज्ञ सुनीता शुक्ला द्वारा सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळजी की हस्तरेखाओं का विश्लेषण !

ऋषिकेश, उत्तराखंड की हस्तरेखा विशेषज्ञ सुनीता शुक्ला द्वारा सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळजी की हस्तरेखाओं का किया विश्लेषण यहां दे रहे हैं

भक्तों पर अखंड कृपाछत्र बनाए रखनेवाले प.पू. भक्तराज महाराजजी !

सनातन के प्रेरणास्रोत प.पू. भक्तराज महाराजजी की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में उनके शिष्य डॉ. जयंत आठवलेजी द्वारा समर्पित भावसुमनांजलि !

साधक में विद्यमान भाव कैसे कार्य करता है ?

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी द्वारा बताए अमृत वचन

गुरुकृपा से सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळजी द्वारा की जा रही सेवाओं की गहराइ

‘मुझे विविधांगी सेवाएं मिलने का मुख्य कारण – मेरा गुण ‘जिज्ञासा’ और मुख्यत: ‘गुरुकृपा’ है’, ऐसा लगना, आध्यात्मिक कष्टों पर नामजप आदि उपचार बताना तथा दूसरों के लिए नामजपादि उपचार करना ।’ अब इस लेख का अगला भाग दे रहे हैं ।(भाग २)

सृष्टि एवं सप्तर्षि की निर्मिति !

सर्वप्रथम ऋषियों ने ही मानव जीवन व्यतीत करने हेतु आवश्यक साधनों का आविष्कार किया । उन्होंने मनुष्य के जीवनोद्धार हेतु अनिवार्य वेदों का ज्ञान समाज तक पहुंचाया । ऐसे त्यागी एवं तपस्वी ऋषियों के मनुष्य पर अनंत कोटि उपकार हैं । मनुष्य के लिए देवता-समान इन ऋषियों के प्रति कोटि-कोटि कृतज्ञता व्यक्त करेंगे ! 

सनातन एवं सप्तर्षि !

‘प्रत्येक युग में ‘धर्मसंस्थापना’ करना’ श्रीविष्णु का कार्य है । सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ आठवलेजी कलियुग के श्रीविष्णु के अवतार हैं ! उचित समय एवं उचित स्थिति आते ही श्रीविष्णु के अवतार सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी पृथ्वी पर ‘धर्मसंस्थापना’ करेंगे’, इसमें कोई संदेह नहीं है ।’ – सप्तर्षि

ऋषिऋण चुकाने का सबसे सरल मार्ग है ऋषियों का आज्ञापालन करना !

ऋषियों द्वारा साधकों को दिया गया ‘ज्ञानामृत, आनंदामृत एवं मार्गदर्शन’ के लिए उनके प्रति चाहे कितनी भी कृतज्ञता व्यक्त की जाए, अल्प ही है

गुरुकृपा से सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळजीद्वारा की जा रही सेवाओं की व्याप्ति

सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळ का यह लेख पढकर मैं आश्चर्यचकित रह गया ! इसमें दिया ज्ञान विश्व में किसी को नहीं होगा ! भारतीय संगीत के बडे-बडे विशेषज्ञ भी यह लेख पढकर चकित रह जाएंगे !

सद्गुरुपद पर विराजमान होते हुए भी गंभीरता से व्यष्टि साधना के प्रयास करनेवाले तथा साधकों की साधना में उनकी सर्वाेपरि सहायता करनेवाले सद्गुरु राजेंद्र शिंदेजी !

‘मुझे विगत २० वर्ष से सद्गुरु राजेंद्र शिंदेजी का सत्संग मिल रहा है । सद्गुरु राजेंद्र शिंदेजी मुंबई, ठाणे एवं रायगड जिलों में अध्यात्मप्रसार की सेवा करते थे, उस समय हिन्दू जनजागृति समिति के अंतर्गत सेवा में हमारा उनसे संपर्क होता था ।