प्रयागराज में कुंभपर्व के समय की साधना का मिलता है १ सहस्र गुना फल ! इस अवधि में धर्मप्रसार की सेवा (समष्टि साधना) में सम्मिलित हों !

प्रयागराज में कुंभमेले की अवधि में सर्वत्र के साधकों को सेवा का अनमोल अवसर !

१३.१.२०२५ से ५.३.२०२५ तक प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में कुंभपर्व होगा । इस अवधि में संपूर्ण विश्व के ४० करोड श्रद्धालुओं के प्रयागराज में आने की संभावना है । इस पर्व के स्थान और काल में की गई साधना का फल अन्य स्थान-काल की तुलना में १ सहस्र गुना मिलता है । इस काल में सभी देवी-देवता, सर्व तीर्थ, संतसमुदाय आदि प्रयागक्षेत्र में उपस्थित होते हैं । इस काल में अधिकाधिक समय साधना के लिए देने पर इनका आशीर्वाद मिलता है और अपना कार्य अल्पावधि में पूर्णत्व को प्राप्त होता है ।

इस पर्व के समय प्रयागराज में कुंभक्षेत्र पर धर्मप्रसार एवं हिन्दू राष्ट्र-जागृति अभियान व्यापक स्तर पर किया जाएगा । इसके अंतर्गत हिन्दू राष्ट्र-जागृति करनेवाली ६ बडी फलक प्रदर्शनियां व १५ से भी अधिक अध्यात्म संबंधी ग्रंथ-प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी । इसके साथ ही इस अवधि में विविध धार्मिक मंडपों में ‘हिन्दू राष्ट्र’ विषय पर व्याख्यान देना, पत्रकों का वितरण करना, समविचारी संतों से संपर्क करना, हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन, संत सम्मेलनों का आयोजन करना आदि उपक्रम आयोजित किए जाएंगे ।

कुंभमेले की सेवा के लिए जिलासेवकों के माध्यम से अपना नाम पंजीकृत करें !

कुंभपर्व के धर्मप्रसारांतर्गत सेवा की पूर्वतैयारी के लिए १.१२.२०२४ से प्रयागराज में सेवाएं आरंभ होंगी । प्रत्यक्ष धर्मप्रसार की सेवा के लिए ७.१.२०२५ से २०.२.२०२५ तक की अवधि के लिए मनुष्यबल की आवश्यकता है । जो इस धर्मप्रसार की सेवा में सम्मिलित होने के इच्छुक हैं, वे जिलासेवकों से संपर्क करें । नौकरी करनेवाले संभव हो, तो कार्यालय से (ऑफिस से) छुट्टी लेकर इस सेवा का अधिकाधिक लाभ लें । कुंभमेले में कम से कम १५ दिन की सेवा में सम्मिलित होना आवश्यक है; क्योंकि उस काल में वहां बहुत ठंड होती है । इसलिए स्वयं को वहां के वातावरण के अनुकूल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को २ – ३ दिन लग जाते हैं ।

कुंभमेले की सेवा के लिए जिन्होंने अपने नाम दिए हैं, वे यथाशीघ्र टिकट आरक्षित करें !

कुंभपर्व के धर्मप्रसार के अंतर्गत सेवा के लिए अब तक जो अपना नाम दे चुके हैं, वे अपना टिकट यथाशीघ्र आरक्षित करें । इस अवधि में अनेक लोग प्रयागराज की यात्रा करते हैं, इसलिए ४ महिने पहले ही आरक्षण करवा लें ।

कुंभपर्व के समय धन अथवा वस्तु स्वरूप में अर्पण करने का अनमोल अवसर !

इस कुंभपर्व के काल में ‘सत्पात्रे दानम्’, इस अनुसार दानधर्म करने से उसका साधना के लिए १ सहस्र गुना लाभ होता है । इस धर्मप्रसार की सेवा में भारतभर से पाठक, शुभचिंतक, धर्मप्रेमी एवं हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता सम्मिलित होनेवाले हैं । इन सभी के निवास, भोजन आदि सहित अन्य अनेक वस्तुओं की व्यवस्था करनी होगी । इसके लिए धन एवं वास्तु की आवश्यकता है । इस हेतु शुभचिंतक, धर्मप्रेमी, हिन्दुत्वनिष्ठ एवं अर्पणदाता, इस धर्मप्रसार के कार्य में यथाशक्ति दान (अर्पण) करें, ऐसा आवाहन सनातन संस्था ने किया है । इसके लिए सनातन के साधकों से संपर्क करें । कुंभपर्व में किन वस्तुओं की आवश्यकता है ?, इसकी सूची संबंधित व्यक्तियों से हमें मिल जाएगी ।