जेरूसलम (इजराइल) की अल अक्सा मस्जिद में इजरायली पुलिस और फिलिस्तीनियों के बीच हिंसक भिडंत !
जेरूसलम की अल-क्सा मस्जिद में फ़िलिस्तीनियों और इजराइल पुलिस के बीच झडपों में कम से कम ५९ फिलिस्तीनी नागरिक घायल हुए
जेरूसलम की अल-क्सा मस्जिद में फ़िलिस्तीनियों और इजराइल पुलिस के बीच झडपों में कम से कम ५९ फिलिस्तीनी नागरिक घायल हुए
चूंकि पुलिस कट्टरपंथियों के विरुद्ध कडी कार्रवाई नहीं कर रही थी । ऐसे में यदि नागरिक कानून अपने हाथ में ले रहे हैं, तो इस पर विचार किया जाना चाहिए !
चूंकि पुलिस कट्टरपंथियों के विरुद्ध कडी कार्रवाई नहीं कर रही थी । ऐसे में यदि नागरिक कानून अपने हाथ में ले रहे हैं, तो इस पर विचार किया जाना चाहिए !
पिछले ७४ वर्षों से सभी पक्ष के शासनकर्ताओं द्वारा धर्मांधों की चापलुसी करने के कारण आज वे सिरपर बैठ गए हैं । वे पुलिस अधिकारियों से भी नहीं डरते, यह देश हेतु लज्जास्पद है !
वर्तमान में सिख समाज ‘सिख’ को भिन्न धर्म मानता हैं; परंतु, वास्तव में वह हिन्दू धर्म का ही एक हिस्सा है । भारत में खलिस्तानवाद तीव्रता से बढने पर सिखों द्वारा हिन्दुओं का द्वेष करना, उनके श्रद्धास्थानों पर आघात करने, जैसे प्रकरण बढ गए हैं ।
हिन्दू राष्ट्र में हिन्दुओं के ही धार्मिक जुलूसों पर आक्रमण करने का साहस अनेक वर्षों से चला आ रहा है । इस स्थिति को बदलने के लिए, अब हिन्दुओं को युद्ध स्तर पर संवैधानिक मार्गों से सर्वंकष प्रयास करने चाहिए ।
यदि ऐसा है, तो सरकारी विभाग में हो रहा भ्रष्टाचार किस स्तर पर पहुंच गया है, इसकी कल्पना की जा सकती है । ऐसे भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को पदच्युत कर उन्हें आजन्म कारावास का दंड क्यों न दिया जाए ?
एक ओर, हिन्दुओं को सर्वधर्म समभाव की घुट्टी पिलाते हैं, तो दूसरी ओर, धर्मांध मात्र हिन्दू और हिन्दुओं का समर्थन करनेवाले उन्हीं के धर्म बंधु पर इस प्रकार आक्रमण करते हैं ! यह निधर्मिवादीयों को दिखता नहीं क्या ?
समाजवादी पक्ष, यह जिहादी आक्रमणकारीयों का पक्ष लेनेवाला दल है ; ये समय- समय पर स्पष्ट हुआ है । इसी पक्ष के सत्ताकाल में कारसेवकों को गोलीयों से मारकर उनकी मृतदेहों को बडे-बडे पत्थर बांधकर शरयू नदी में फेंका गया था ।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए, मुसलमान बहुल भागों के हिन्दू असुरक्षित न रहें ; यह हिन्दुओं की अपेक्षा है !