स्वीडन में कुरान जलाने के कारण पिछले ४ दिनों से हिंसा जारी !
स्वीडन की जनसंख्या १ करोड है तथा इस में केवल ३ लाख मुसलमान हैं। तो भी देश के कई शहरों में हिंसा कर लोगों को नियंत्रण में करने की हिम्मत वह करते हैं, यह बात पूरे विश्व के लिए चिंताजनक है !
स्वीडन की जनसंख्या १ करोड है तथा इस में केवल ३ लाख मुसलमान हैं। तो भी देश के कई शहरों में हिंसा कर लोगों को नियंत्रण में करने की हिम्मत वह करते हैं, यह बात पूरे विश्व के लिए चिंताजनक है !
तस्लिमा नसरीन वास्तव में आधुनिकतावादी होने से ही वे ऐसी मांग कर सकती हैं, जबकि भारत में अधिकांश कथित आधुनिकतावादी ढोंगी हैं । वे मुसलमानों की चापलूसी करते हैं और हिन्दुओं को ठुकराते हैं !
श्रीराम नवमी के अवसर पर आक्रमण के उपरांत, देश भर से आलोचना होने पर भी धर्मांध कट्टरपंथियों ने श्री हनुमान जन्मोत्सव की शोभायात्रा पर आक्रमण किया और हिन्दुओं को दिखा दिया कि, ‘हमारा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता ।’ केवल हिन्दू राष्ट्र होने पर ही ऐसी मानसिकता को नष्ट किया जा सकता है !
चोरी ऊपर से सीनाजोरी – पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया अनेक जिहादी आक्रमणों में सम्मिलित है ! ऐसी प्रवृत्तियों पर त्वरित कार्रवाई, समय की मांग है ! देशभक्तों को अपेक्षा है कि, केंद्र सरकार शीघ्रातिशीघ्र इस आतंकी संगठन पर प्रतिबंध लगाएगी !
हिन्दुओं की शोभायात्रा के कारण नहीं, अपितु धर्मांधों के कारण दंगे होते है ! यह स्पष्ट होने पर, नियम मुसलमान भागों के मस्जिदों पर नहीं, अपितु हिन्दुओं की शोभायात्रा पर लगाए जाते हैं; यह हिन्दुओं को लज्जास्पद !
जब धर्मांध कट्टरपंथियों द्वारा इतनी तैयारी की जा रही थी, तब पुलिस और गुप्तचर संस्थाऒं को इस षड्यंत्र की जानकारी क्यों नहीं मिली? हिन्दुओं की अपेक्षा है कि गुजरात में बीजेपी का शासन होते हुए ऐसी कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए !
जेरूसलम की अल-क्सा मस्जिद में फ़िलिस्तीनियों और इजराइल पुलिस के बीच झडपों में कम से कम ५९ फिलिस्तीनी नागरिक घायल हुए
‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा है, कि वह अब साल २०२० में दिल्ली में हुए दंगों पर फिल्म बनाएंगे ।
विदेश में राजकारण करने में सक्रिय होनेवाले ऐसे खलिस्तानवादी नेताओं के विरोध में भारत सरकार को प्रथम पहल करनी चाहिए । खलिस्तानवाद समूल नष्ट करने के लिए प्रथम ऐसे नेताओं पर कारवाई करना आवश्यक !
जिन जिलों में ‘हिन्दू बहुसंख्यक’ नहीं हैं, न्यूनतम उन जिलों में तो हिन्दुओं को ‘अल्पसंख्यक’ घोषित किया जाए । असम में ऐसे अनेक जिले हैं, जहां हिन्दू अल्पसंख्यक हैं । उनमें भी कुछ जिलों में हिन्दुओं की संख्या ५ सहस्र से भी अल्प है और वहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं ।