संपादकीय : टूटा अमेरिका का सपना !
विदेश में जाकर नस्लवादी (वर्णद्वेषी) आक्रमण सहने की अपेक्षा भारत में रहकर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने में ही भारतीयों का भला है !
विदेश में जाकर नस्लवादी (वर्णद्वेषी) आक्रमण सहने की अपेक्षा भारत में रहकर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने में ही भारतीयों का भला है !
पीडित महिला ८० प्रतिशत से अधिक जल गई है । उसे उपचार के लिए ग्वालियर के एक अस्पताल में भर्ती किया गया है ।
गुजरात में भाजपा की सरकार होते हुए धर्मांध मुसलमानों का हिन्दुओं पर आक्रमण करने का साहस ही न हो, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !
पठाण द्वारा पुलिस पर गोलीबारी
पी.एफ.आइ. पर प्रतिबंध है । तो भी उसके समर्थक एवं जिहादी कृत्य करनेवाले अभी तक कार्यरत हैं, यही इस घटना से दिखाई देता है । इस संगठन को समूल नष्ट करने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाना आवश्यक !
सभी आरोपी प्रतिबंध जिहादी आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य थे ।
श्री. रणजीत सावरकर द्वारा लिखित ‘मेक शुअर गांधी इज डेड’ पुस्तक का लोकार्पण
इस विषय में केंद्र सरकार आयोग गठन कर दबे हुए प्रमाणों को बाहर निकाले !
भारतीयों के लिए असुरक्षित हो रहा अमेरिका !
पाकिस्तान, कनाडा एवं अमेरिका द्वारा अपने देश में जिहादी और खालिस्तानी आतंकवादियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई न करते हुए, उनमें से कुछ की हत्याओं के लिए भारत को उत्तरदायी ठहराना ´ चोर को छोड़कर, साधु को फांसी ´ देने जैसा है !
जो ब्रिटिश संसद सदस्यों को ध्यान में आता है, यह अधिकांश भारतीय जनप्रतिनिधियों के ध्यान में नहीं आता, यह जानिए !