संपादकीय : टूटा अमेरिका का सपना !

विदेश में जाकर नस्लवादी (वर्णद्वेषी) आक्रमण सहने की अपेक्षा भारत में रहकर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने में ही भारतीयों का भला है !

Morena Gang Rape : मुरैना (मध्य प्रदेश) में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार कर उसे जीवित जलाया !

पीडित महिला ८०  प्रतिशत से अधिक जल गई है । उसे उपचार के लिए ग्वालियर के एक अस्पताल में भर्ती किया गया है ।

Sabarkantha Muslim Mob Attack : साबरकांठा (गुजरात) में मुसलमानों की टोली द्वारा हिन्दू परिवार पर किए गए आक्रमण में १ की मृत्यु  !

गुजरात में भाजपा की सरकार होते हुए धर्मांध मुसलमानों का हिन्दुओं पर आक्रमण करने का साहस ही न हो, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है  !

UP Murder : ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) में माज पठाण ने की वैभव अग्रवाल की हत्या !

पठाण द्वारा पुलिस पर गोलीबारी

महिला न्‍यायाधीश को पी.एफ.आइ. के जिहादियों द्वारा धमकियां ! (PFI Threats Woman Judge)

पी.एफ.आइ. पर प्रतिबंध है । तो भी उसके समर्थक एवं जिहादी कृत्‍य करनेवाले अभी तक कार्यरत हैं, यही इस घटना से दिखाई देता है । इस संगठन को समूल नष्ट करने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाना आवश्‍यक !

Kerala PFI Death Penalty : केरल में भाजपा नेता की हत्या करने वाले पी.एफ.आई. के १५ लोगों को फांसी का दंड !

सभी आरोपी प्रतिबंध जिहादी आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य थे ।

मोहनदास गांधी की हत्या के पीछे कौन है ? – रणजीत सावरकर, कार्याध्यक्ष, वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक

श्री. रणजीत सावरकर द्वारा लिखित ‘मेक शुअर गांधी इज डेड’ पुस्तक का लोकार्पण
इस विषय में केंद्र सरकार आयोग गठन कर दबे हुए प्रमाणों को बाहर निकाले !

भारतीय छात्र विवेक सैनी की अमेरिका में हथौड़े से ५० वार करके हत्‍या कर दी गई !

भारतीयों के लिए असुरक्षित हो रहा अमेरिका !

India Slams Pakistan : पाकिस्तान को अपने दुष्कर्मों के लिए दूसरों को दोष नहीं देना चाहिए ! – भारत ने फटकारा !

पाकिस्तान, कनाडा एवं अमेरिका द्वारा अपने देश में जिहादी और खालिस्तानी आतंकवादियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई न करते हुए, उनमें से कुछ की हत्याओं के लिए भारत को उत्तरदायी ठहराना ´ चोर को छोड़कर, साधु को फांसी ´ देने जैसा है !

British Parliament Kashmiri Hindus Genocide : कश्मीरी हिन्दुओं के हत्याकांड के ३४ वें स्मृतिदिन के अवसर पर ब्रिटिश संसद में प्रस्ताव !

जो ब्रिटिश संसद सदस्यों को ध्यान में आता है, यह अधिकांश भारतीय जनप्रतिनिधियों के ध्यान में नहीं आता, यह जानिए !