सुरगुजा (छत्तीसगढ) – हम वर्ष १९२५ से कहते आ रहे हैं, ‘भारत में रहनेवाला प्रत्येक व्यक्ति हिन्दू है ।’ भारत को मातृभूमि माननेवाले, यहां की संस्कृति एवं विविधता का सम्मान करनेवाले, किसी भी धर्म, संस्कृति, भाषा एवं भोजन प्रणाली का अवलंबन करनेवाले एवं इस विचारधारा के लोगों के लिए काम करनेवाले सभी लोग हिन्दू हैं । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर-संघचालक प.पू.. डॉ. मोहन भागवत जी ने यहां के संघ कार्यक्रम में ऐसा वक्तव्य दिया है ।
Mohan Bhagwat | भारतात राहणार प्रत्येक जण हिंदूच; मोहन भागवत यांचे सर्वात मोठं विधान
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सर-संघचालक आगे कहते हैं, ‘आज विज्ञान में डी.एन.ए. (जिस अणु से अनुवांशिक पदार्थ अर्थात डी.एन.ए. बनता है) के विषय में बात की जाती है । आज हम सब भिन्न अनुभव कर सकते हैं; परंतु हम सभी एक ही हैं । विज्ञान भी बताता है, पश्चिम के काबुल से पूर्व में चीनविंड नदी तक, उत्तर के तिब्बत से दक्षिण में श्रीलंका तक भूभाग के सभी लोगों का डी.एन.ए. ४० सहस्र वर्ष पूर्व का है । हमारे पूर्वज भी एक हैं । उन्होंने ही हमें आज की सभी प्रार्थना पद्धति, भाषा एवं भोजन करने की पद्धतियां सिखाई हैं । इसलिए हमें हमारे प्राचीन सूत्र से जुडकर रहना चाहिए ।