(कहते हैं ) ‘वर्ष २०२१  में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान जाने वाले थे !’

भारत सरकार ने बार-बार पाकिस्तान के आतंकी मुख को विश्व के समक्ष उजागर किया है। ऐसे में यदि भारतीय जन साशंक हैं ! कि ‘क्या ऐसे समाचार प्रधानमंत्री मोदी की अपकीर्ती करने के लिए गढी जा रही हैं ?’ तो इसमें आश्चर्य की क्या बात है ? भारत सरकार को इसे संज्ञान में लेकर इसका प्रत्युत्तर देना अति आवश्यक है !

ओसामा बिन लादेन की आदर-सत्कार करनेवाले हमें उपदेश न दें !

आतंकवाद के विरुद्ध पूरा विश्व संघर्ष कर रहा है तथा ऐसे समय कुछ लोग अपराधी तथा आतंकवादी आक्रमणों का षड्यंत्र रचानेवाले लोगों को उचित सिद्ध कर रहे हैं । उनकी सुरक्षा के लिए वे अंतर्राष्ट्रीय व्यासपीठ का अनुचित प्रयोग कर रहे हैं ।

(कहते हैं ) ‘भारत से संबंध सुधारना संभव नहीं है क्योंकि भाजपा सरकार अधिक राष्ट्रवादी है!’ – पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान

दोनों के बीच संबंध सुधरे तो अनेक लाभ हैं, किन्तु कश्मीर इसमें सबसे बड़ी बाधा है । कश्मीर प्रकरण का समाधान करने के लिए एक उचित योजना की आवश्यकता है ।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने पुन: उठाया कश्मीर का मुद्दा, भारत ने कड़े शब्द बोले

संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार फिर पाकिस्तान की भारत विरोधी कृत्य सामने आई है । संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन-रूस युद्ध के मुद्दे पर चर्चा हो रही थी और पाकिस्तान के प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कश्मीर का मुद्दा उठाया और इसकी तुलना रूस-यूक्रेन युद्ध से की ।‍

कश्मीर मसले पर किसी के मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं ! – भारत ने कडे तेवर दिखाए

जिहादी पाक को अब शब्दों के माध्यम से स्पष्ट करना पर्याप्त नहीं, उसे हमेशा के लिए सबक सिखाए जाने की आवश्कता है, यह भारतीय शासनकर्ता ध्यान में लेंगे क्या ?

कश्मीर में २ आतंकवादी मारे गए

१-२ आतंकवादियों को मारने से कश्मीर में जिहादी आतंकवाद नष्ट नहीं होगा, अपितु उनके जन्मदाता पाकिस्तान तथा कश्मीर की जिहादी मानसिकता को नष्ट किया, तभी वह नष्ट होगा !

‘हमें भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहिए; परंतु कश्मीर का प्रश्न हल करें !’

कश्मीर भारत का अविभाज्य भाग है, पाकिस्तान इसे मान्य करे तथा वहां का जिहादी आतंकवाद रुके, तभी पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण संबंध स्थापित हाेंगे, पाकिस्तान इसे ध्यान में रखे !

सर्वोच्च न्यायालय ने पीड़ितों के लिए लड़ने वाले एक निजी संगठन को केंद्र सरकार से न्याय प्राप्त करने का आवाहन करने की अनुमति दी !

सर्वोच्च न्यायालय ने ‘वी द सिटीजन’ नामक एक निजी संगठन को केंद्र सरकार के पास याचिका प्रविष्ट  करने की अनुमति दी है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में १९९० में हिन्दुओं और सिखों की सामूहिक हत्याओं की जांच करने की मांग की गई है।

पाकिस्तान ने पुन: पाकव्याप्त कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर निर्माण किया आतंकवादियों का केंद्र !

भारत में आक्रमण होने के पश्चात सर्जिकल स्ट्राईक जैसी कार्रवाई न करें । इससे कुछ समय तक के लिए ही थोडा-सा परिणाम होता है । इसलिए संपूर्ण पाक को ही पाठ पढाने (सबक सिखाने) के लिए प्रयत्न करें !

‘कश्मीर प्रश्न में युद्ध पर्याय नहीं है, अपितु हमें तो शांति चाहिए !’ – पाकिस्तान प्रधानमंत्री के मगरमच्छ के आंसू

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य पर भारत को विश्वास न करके उसके विरुद्ध आक्रामक नीति का अवलंब करना ही आवश्यक है !