समाजविघातक प्रवृत्तियों के घर पर ही नहीं; अपितु जिहादी विचारधारा पर भी बुलडोजर चलाना पडेगा – विनोद बंसल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, विहिंप

‘राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल नामक हिन्दू युवक की जिहादियों ने निर्मम हत्या कर दी । यह कोई सामान्य घटना नहीं है, अपितु इस देश के सार्वभौमत्व के साथ ही यहां के सभ्य समाज, संविधान एवं लोकतंत्र पर किया गया आक्रमण ही है ।

सामाजिक माध्यमों पर जिहादी आतंकवादी संगठनों के सहस्रों खाते !

क्या सामाजिक माध्यमों के प्रतिष्ठानों को यह दिखाई नहीं देता ? अथवा इन आतंकवादी संगठनों से उनका भी छुपा समर्थन हैं ?

‘भारतीय अर्थव्यवस्थापर नया आक्रमण : हलाल जिहाद ?’ ग्रंथ का संतों के शुभहस्तों लोकार्पण !

दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के उद्घाटन सत्र के उपरांत ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर नया आक्रमण : हलाल जिहाद ?’, इस हिन्दू जनजागृति समिति के मराठी एवं हिन्दी भाषा के ग्रंथों का लोकार्पण किया गया ।

धर्मांध इतने भयानक हैं कि, भारत के हिन्दू भी उनसे सुरक्षित नहीं ! – तस्लिमा नसरीन

‘जिहादियों द्वारा केवल गैरमुसलमानों का ही नहीं, तो प्रगतिशील मुसलमान और स्वतंत्र विचार रखनेवालों का भी सिर काटा जाता है । धार्मिक कट्टरपंथी सदा से ही मानवता के लिए हानिकारक हैं ।

इस्लामी जिहाद के विरोध में निरंतर संघर्ष करना होगा ! – प.पू. यती चेतनानंद सरस्वती, महंत, डासना पीठ, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

‘‘मुगलों से लेकर आज तक इस्लामी जिहाद के विरोध में निरंतर युद्ध जारी ही है । हिन्दुओं की हत्या, हिन्दू महिलाओं पर अत्याचार, बलात्कार करना, संपत्ति लूटना, धर्मपरिवर्तन करना, ‘लैंड जिहाद’, ‘लव जिहाद’इत्यादि; यही इस्लामी जिहाद की नीतियां हैं ।

‘हिन्दू राष्ट्र के लिए कार्य करनेवाले को ही मतदान करूंगा’, ऐसे लोकप्रतिनिधियों को दृढता से बताएं ! – राजीव शाह, अध्यक्ष, सायबर सिपाही (दक्षिण राज्य) भाग्यनगर, तेलंगाणा

देश में आतंकवाद, भ्रष्टाचार, लूटपाट आदि के बढते हुए भी पुलिस उसे छोडकर हिन्दू संगठनों की गतिविधियों की कडी निगरानी कर रही है । यह हिन्दुओं का दुर्भाग्य है । भोपाल में हिन्दू देवी-देवताओं के विषय में झूठा प्रसार कर हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन किया जा रहा है ।

३२ वर्षाें उपरांत भी हत्यासत्र एवं विस्थापन जारी; कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय कब मिलेगा ? – श्री. राहुल कौल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर

जिहादी आतंकवाद के कारण अपने ही देश में विस्थापित हुए ३२ वर्ष बीत गए, तब भी आज तक कश्मीरी हिन्दुओं को लक्ष्य बनाकर उनका भीषण हत्यासत्र जारी ही है । हिन्दुओं की चुन-चुनकर हत्या की जा रही है । गत कुछ महिनों में कश्मीर में १० हिन्दुओं की हत्याएं हुईं हैं ।