फरीदाबाद में वानप्रस्थ वृद्धजन सेवा सदन में सनातन संस्था द्वारा फल वितरण

यहां के वानप्रस्थ वृद्धजन सेवा सदन में सनातन संस्था द्वारा फल वितरण किया गया । आश्रम के संचालक श्री. अनिल सरीन ने संस्था के कार्य की सराहना की तथा उनके आश्रम में इस प्रकार के उपक्रम आयोजित करने की विनती की ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य में सनातन संस्था का बहुत बडा योगदान ! – अधिवक्ता प्रेमचंद्र झा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आदित्य वाहिनी एवं गोवर्धन पुरी पीठ के राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रभारी

अधिवक्ता प्रेमचंद्र झा ने संस्था के साधकों को २५ अप्रैल को देहली में होनेवाले विश्वव्यापी हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का आमंत्रण दिया । भेंट के समय सनातन संस्था के श्री. निलय पाठक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य समन्वयक श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी उपस्थित थे ।

भारतीय संस्कृति में मनुष्य के सर्वांगीण विकास की कुंजी ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

‘‘अमेरिका साक्षरता के साथ आर्थिक, औद्योगिक, तंत्रज्ञान आदि विकास में आगे है; परंतु विकास की सर्वांगीण दृष्टि नहीं थी । इस कारण आज वहां ६० से ७० प्रतिशत लोग मानसिक रोगों से ग्रस्त हैं । अपराध, व्यसनाधीनता, बलात्कार आदि घटनाएं वहां अत्यधिक हैं ।

महाशिवरात्रि निमित्त हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘ऑनलाइन’ प्रवचन

शिवरात्रि पर शास्त्रोक्त शिवजी की उपासना कैसे करें, शिवजी की आध्यात्मिक विशेषताएं क्या हैं ? तथा शिवरात्रि के दिन शिवजी का नामजप करने का महत्त्व क्या है, इस विषय में जानकारी दी ।

वृंदावन के श्री श्री त्रिपुस्कर महाराजजी का हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य को आशीर्वाद

यहां के अनीसाबाद स्थित तिवारी मन्दिर के निकट आयोजित भागवद् भजन के निमित्त कथावाचक श्री श्री त्रिपुस्कर महाराजजी से समिति के कार्यकर्ता ने मिलकर समिति द्वारा किए जा रहे कार्य की जानकारी दी ।

‘वैलेंटाईन डे’ के दिन होनेवाले अनाचारों को रोकने हेतु प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

गत कुछ वर्षाें में १४ फरवरी ‘वैलेंटाईन डे’ पर होनेवाले अनाचार रोकने हेतु प्रतिबंधक उपाययोजना करना, महाविद्यालय परिसर में पुलिस के विशेष पथक गठित कर अनाचार करनेवालों पर कार्रवाई करना

सनातन संस्था के आश्रमों में मिलनेवाले साधनारूपी संस्कारों के बल पर आदर्श दृष्टि से विकसित हो रहे युवा साधक एवं साधिकाएं !

‘भारतीय संस्कृति संस्कारों पर आधारित है; परंतु आज के कलियुग में नैतिक मूल्यों का पतन होने से संस्कार-मूल्य भी समाप्त हो चुके हैं । इसका परिणाम युवा पीढी पर दिखाई देता है । उसके कारण ‘उनका भविष्य संकट में है’, ऐसा कहना अनुचित नहीं है ।

होली ७ मार्च (फाल्गुन पूर्णिमा)

होलिकोत्सव दुष्प्रवृत्ति व अमंगल विचारों को समाप्त कर, सन्मार्ग दर्शानेवाला उत्सव है । इस उत्सव का महान उद्देश्य है, अग्नि में वृक्षरूपी समिधा अर्पित कर वातावरण को शुद्ध करना ।

भारत में संख्या में सर्वाधिक युवावर्ग को दिशा देना राष्ट्रीय दायित्व ही है !

‘उपयोग करो और फेंक दो’ (Use and Throw)’ यह जो पश्चिमियों की आधुनिक संस्कृति है, उसे अब अनेक युवकों ने भी अपना लिया है । उसके कारण जिन माता-पिता ने जन्म दिया, जन्म से लेकर आत्मनिर्भर होने तक सभी बातों का ध्यान रखा