चीन का अपमानजनक पद्धति से पीछे हटना, सामरिक एवं राजनीतिक दृष्टि से भारत की बडी विजय !

चीन की सेना का पीछे हटना, ‘पुल आउट’ (बाहर निकलना) नहीं, अपितु भारत की ओर से उसे दिया हुआ ‘पुश बैक’ (पीछे ढकेलना)

हिन्दुओं को स्वार्थ का त्याग कर हिन्दुत्व का स्फुलिंग प्रज्वलित करना चाहिए ! – युवराज स्वामी श्री माधवप्रपन्नाचार्यजी महाराज, उज्जैन

उज्जैन में हिन्दू जनजागृति समिति का वर्षगांठ समारोह उत्साह में संपन्न !

हिन्दुओं द्वारा कर्महिन्दू बनने के लिए प्रयास करना आवश्यक – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दू जनजागृति समिति की द्विदशपूर्ति के निमित्त गांगकला (उत्तर प्रदेश) में वर्षगांठ का कार्यक्रम

हिन्दुओं की संपत्ति हडपने के असीमित अधिकार प्राप्त ‘वक्फ एक्ट’ को निरस्त करें – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

देहली (दिल्ली) में जंतरमंतर में हिन्दू राष्ट्र-जागृति आंदोलन में की गई मांग !

विभाजन के कारण देश के बाहर चले गए शक्तिकेंद्रों को पुनः भारत में लाना है ! – विधायक रामेश्वर शर्मा, भाजपा

‘‘बांग्लादेश के ढाका शहर में ढाकेश्वरी एक शक्तिपीठ है । लाहोर लव-कुश का शहर है । विभाजन के कारण भारत से बाहर चले गए इन शक्तिकेंद्रों को पुनः भारत में लाना है ।’’ भाजपा विधायक श्री. रामेश्वर शर्मा ने ऐसा प्रतिपादित किया ।

उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य में विविध जिलों में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु धर्मप्रेमियों ने की प्रतिज्ञा !

हिन्दू जनजागृति समिति की द्विदशकपूर्ति के निमित्त उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्यों में ‘हिन्दू राष्ट्र संकल्प अभियान’

नाक से संबंधित बीमारियां तथा उनकी चिकित्सा !!

आज के समय में शहरों में सर्दी लगने का प्रमुख कारण है प्रदूषण ! इसे टालना भले ही संभव न हो; परंतु उसका कुछ तो प्रतिकार किया जाना चाहिए ! वह किया जा सकता है तथा उसके टिके रहने के भी अनेक कारण हैं ।

#Ayurved : …बीमारियों का मूल तथा उसकी दैवी चिकित्सा

कोई भी बीमारी शरीर में विद्यमान वात, पित्त अथवा कफ के स्तर में आनेवाले परिवर्तन के कारण होती है । आयुर्वेद के अनुसार कैंसर से लेकर हृदयरोग तक तथा पक्षाघात से लेकर मधुमेह तक सभी रोगों का मूल यही है ।

#Ayurved : बीमारी के आध्यात्मिक कारण तथा दैवी चिकित्सा !

औषधियों के साथ आयुर्वेद ‘दैवी चिकित्सा’ भी बताता है । अधिकतर किसी भी शारीरिक बीमारी में कुछ स्तर पर आध्यात्मिक तथा कुछ स्तर पर मानसिक भाग होता है ।

#Ayurved : ‘बीमारियां न हों’; इसलिए आयुर्वेद द्वारा सुझाए गए उपचार !

प्रज्ञापराध (बुद्धि, स्थैर्य, स्मृति, इनसे दूर जाकर तथा उससे होनेवाली हानि ज्ञात होते हुए भी शारीरिक, वाचिक अथवा मानसिक स्तर पर पुनः-पुनः किया जानेवाला अनुचित कृत्य) होने न देना