शराब के नशे में धुत सुदामा, श्रीकृष्ण को दारु देते हुए दिखाया !

  • देहली के मौलाना आजाद वैद्यकीय महाविद्यालय के कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा श्रीकृष्ण एवं सुदामा का अश्लील अपमान !

  • कार्यक्रम के आयोजकों ने की क्षमायाचना ! 

नई देहली – यहां के मौलाना आजाद वैद्यकीय महाविद्यालय के विद्यार्थियों का एक वीडियो सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित हुआ है । इस वीडियो में श्रीकृष्ण भक्त सुदामा को दारुबाज के रुप में दिखाकर सुदामा और भगवान श्रीकृष्ण का मजाक उडाया है । इस वीडियो में शराब के नशे में धुत सुदामा को श्रीकृष्ण को दारु देते हुए दिखाया गया है । लेखक अन्शुल द्वारा प्रसारित इस ४४ सेकेंड के वीडियो में ‘अरे द्वारपालों, कन्हैया को कह दो’, यह गाना पार्श्वसंगीत में बज रहा है । यह वीडियो ९ अक्टूबर, २०२२ के दिन इस महाविद्यालय में हुए कार्यक्रम का है । इस वीडियो के हो रहे विरोध की बात ध्यान में आते ही कार्यक्रम प्रस्तुत करनेवालों ने क्षमायाचना की है ।

१. इस वीडियो में मंच पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाली एक लडकी को श्रीकृष्ण के रुप में दिखाया है । परदे के दाहिने ओर से एक अभिनेता को सुदामा की भूमिका में शराब के नशे में धुत अवस्था में प्रवेश करते समय दिखाया है । उसे सीधे बोतल से दारु पीते हुए दिखाया गया है । इसके उपरांत वह श्रीकृष्ण के पास जाता है और उसे उसकी बोतल से दारु पीने को देता है । इस पर उपस्थित लोगों को हर्ष व्यक्त करते हुए दिखाया है ।

२. मौलाना आजाद वैद्यकीय महाविद्यालय के ‘निवासी डॉक्टर्स एसोसिएशन‘ ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था । इस प्रकरण में उन्होंने प्रकाशित किए पत्रक में कहा है कि, इस अपमानजनक कार्यक्रम से हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होने की बात ध्यान में आई है । इसके उपरांत कार्यक्रम प्रस्तुत करनेवाले ‘माहोल मेकर्स’ के सभासदों को बुलाकर उनसे लिखित स्वरुप में क्षमायाचना ली गई, साथ ही ‘माहोल मेकर्स’ पर इसके आगे महाविद्यालय के उत्सव में कार्यक्रम प्रस्तुत करने पर प्रतिबंध लगाया गया है ।

संपादकीय भूमिका

  • केवल क्षमायाचना पर समाधान न मानते हुए हिन्दुओं के देवताओं का अपमान करने का साहस कोई न करे, ऐसा डर हिन्दुओं को निर्माण करना चाहिए !
  • मुसलमान उनके धर्म के संबंध में किसी ने अपमान किया, तो सीधे शिरोच्छेद करने की धमकी देकर उसके अनुसार कृति भी करने का प्रयास करते हैं । इस कारण उन्हें कोई छेडता नहीं, तथा हिन्दू साधारण वैधानिक मार्ग से भी विरोध करने के लिए आगे नहीं आते !