‘आपातकाल से पूर्व ग्रंथों के माध्यम से अधिकाधिक धर्मप्रसार हो’, इस कार्य में लगन से सम्मिलित होनेवालों पर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की अपार कृपा होगी !
ग्रंथकार्य में सम्मिलित होने की इच्छा रखनेवाले, ग्रंथनिर्माण की सेवा करनेवाले, ग्रंथों का प्रसार करनेवाले, ग्रंथों के लिए अर्पण संकलित करनेवाले एवं ग्रंथों का वितरण करनेवाले सभी को साधना का यह अपूर्व स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ है ।