‘यू ट्यूब’ से झूठे समाचार (फेक वीडियोज) हटा दें ! – दिल्ली उच्च न्यायालय का आदेश

‘यू ट्यूब’ समान अमेरिकी प्रतिष्ठानों को सामाजिक बंधन न होने की घटना पुन: एक बार सामने आई है ! सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को “क्या ‘यू ट्यूब’ न्यायालय के आदेश का हूबहू पालन करेगा ?’, यह देखना चाहिए  !

लोगों के प्राण संकट में हैं, इसिलए राजनीति न करें ! – एस्. जयशंकर

सूडान प्रकरण में विदेशमंत्री एस्. जयशंकर ने कांग्रेस के नेता सिद्धारमैया को फटकारा  !

समलैंगिक विवाह, नगरी धनवानों की एक संकल्पना !

केंद्र सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में समलैंगिक विवाह का विरोध !

ब्रिटिश सांसद और वित्त विशेषज्ञ स्टर्न द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा !

विकास और वृद्धि के विषय में एक नया अध्याय भारत ने विश्व के सामने रखा है, ऐसा वक्तव्य लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स के वित्त विशेषज्ञ और ब्रिटिश सांसद प्रा. निकोलस स्टर्न ने दिया है ।

देहली में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या !

गुंडों को पुलिस का तनिक भी भय न होने से दिनदहाडे किसी की भी हत्या कर देते हैं ! यह दृश्य बदलने हेतु सरकार को प्रयत्न करने चाहिए !

देहली के तिहाड कारागृह में बंदियों के मध्य युद्ध में एक बंदी की मौत, ४ घायल

देश के सबसे महत्त्वपूर्ण कारागृह में निरंतर ऐसी घटनाएं होना, पुलिस के लिए संतापजनक ! बाहर गुंडागिरी करनेवालों को बंदी बनाकर कारागृह में डालने के उपरांत भी यदि वे वहां ऐसे ही कृत्य करते हों, तो कारागृह के कानून एवं सुव्यवस्था की स्थिति कितनी दयनीय है, यह ध्यान में आता है !

भारत में नियमों का पालन करना पड़ेगा अन्यथा कारागार जाना पड़ेगा ! – ट्विटर के इलॉन मस्क  

भारत में सामाजिक प्रचार माध्यमों पर कठोर कानूनी निर्बंध हैं । इसलिए, हमारे सूचनाजाल तंत्र को अमेरिका अथवा इतर पाश्‍चात्त्य देशों में ट्विटर के उपभोक्ताओं को जितनी स्वतंत्रता दी जाती है, उतनी स्वतंत्रता भारतीय ट्विटर के उपभोक्ताओं को नहीं दी जा सकती ।

विदेशी आर्थिक सहायता प्रकरण में ‘बीबीसी इंडिया’ के विरुद्ध अपराध प्रविष्टि !

ईडी ‘बीबीसी इंडिया’ द्वारा किए कथित विदेशी इन्वेस्टमेंट के (एफ.डी.आई. के) नियमों के उल्लंघन की भी जांच कर रही है । इसके पहले आयकर विभाग ने बीबीसी के देहली और मुंबई कार्यालयों पर छापा मारा था ।

एयर इंडिया के जहाज में यात्री ने कर्मचारियों को मारा |

देहली से लंदन जाने वाले ‘ए.आई. १११’ जहाज में एक यात्री का कर्मचारियों से विवाद हो गया ।

देश के कारागृहों के ७७ प्रतिशत बंदियों (कैदियों) के अभियोग प्रलंबित !

अपराधियों को बंदी बनाकर उनके अभियोग प्रलंबित रखना, अपराधी एवं अभियोगी दोनों के साथ अन्याय है । इस स्थिति में परिवर्तन लाने के लिए सरकार को कडे प्रयास करना आवश्यक !